(Panipat News) पानीपत। मंदिर के प्रधान विपिन चुघ ने बताया कि सीताराम विवाह का उल्लेख पंडित नवल किशोर शर्मा के मुखारविंद से किया गया। पंडित जी ने सीता राम विवाह का उल्लेख करते हुए बताया कि यह श्लोक
“मंगल भवन अमंगलहारी द्रवहू सो दशरथ अजीर बिहारी”
“राम लखन सिय करि कृपा,जब चितवत जेहि मोर”
“बंदऊं सीताराम पद जिंनहहि परम प्रिय खिन्न”
“मनहूं मदन रति धरि बहू रूपा।देखत राम बिआहु अनूपा।।” सिया राम जय राम जय जय राम जय जय राम
यह श्लोक राम-सीता विवाह के आनंद, शुभता, और प्रेम को दर्शाते है। सीताराम के विवाह के दौरान राम नाम की माला और सुंदर-सुंदर भजनों की प्रस्तुति से सारी संगत को भाव विभोर कर दिया। कथा के उपरांत अमृततुल्य भंडारे का भी आयोजन किया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में मंदिर समिति के सदस्य जुगल कंसल, संतलाल कपूर, महेश भाटिया, हरिश कोचर, सुदेश कंसल, जॉनी पुनियानी, नरेश टेहरी, जयसिंह, राहुल मनचंदा, गुलशन अरोड़ा, सोहन वाधवा, निर्मला दिलौरी सभी सदस्यों का पूर्ण सहयोग रहा।

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