Pushpadant Sagar Maharaj : आत्मा से ही जुड़ने का प्रयास नहीं कर पा रहे तो परमात्मा से मिलना भी असंभव  : पुष्पदंत सागर महाराज

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Panipat News/Pushpadant Sagar Maharaj
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Aaj Samaj (आज समाज),Pushpadant Sagar Maharaj,पानीपत:

शुक्रवार को स्थानीय श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर जैन मोहल्ला में पुष्पगिरि प्रणेता गणाचार्य पुष्पदंत सागर महाराज एवं क्षुल्लक पर्व सागर एवं क्षुल्लक प्रशांत सागर के पावन सानिध्य में तीर्थंकर विमलनाथ निर्वाण महामहोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर सभी ने भगवान विमलनाथ पूजा अर्चना कर श्री जी को निर्वाण लाडू समर्पित किया। अपने आशीष वचन प्रदान करते हुए आचार्य ने कहा कि हम आत्मा मालिक होते हुए भी इंद्रियों के गुलाम बने हुए हैं।

 

जीवन की सार्थकता बहुत दूर होती जा रही है

उन्होंने कहा कि जीव हमेशा जीवित रहता है उसकी आत्मा हमेशा जीवित रहती है, परंतु हम लोग आज के आधुनिक युग में अपनी इंद्रियों के वशीभूत होकर संसार के माया जाल में फंसे हुए हैं। हमें अपनी आत्मा को परमात्मा से मिलाना होगा और अपनी इंद्रियों को वश में कर प्रभु चरणों में समर्पित होना होगा। उन्होंने आशीष देते हुए बताया कि आज जो सुविधाएं हम सब को मिली है जो सुख हम सब भोग रहे हैं जो आधुनिक उपकरणों के साथ हम सुविधाएं भोग रहे हैं वह जीवन को अनुकूल तो बना रही हैं, पर जीवन की सार्थकता बहुत दूर होती जा रही है। क्योंकि सुविधा मुक्ति में बाधक है सुविधा कर्म में बाधक है। हम सब सुविधाओं के पीछे भाग रहे हैं।

परमात्मा से जुड़ने के लिए हमें ध्यान करना होगा

हम अपनी आत्मा से जुड़ने का प्रयास नहीं कर रहे और जब हम अपनी आत्मा से ही जुड़ने का प्रयास नहीं कर पा रहे तो परमात्मा से मिलना भी असंभव है। परमात्मा से जुड़ने के लिए हमें ध्यान करना होगा, हमें ध्यान लगाना होगा हमें प्रभु के चरणों में समर्पित होना होगा। हम ध्यान तो देते हैं मगर ध्यान नहीं करते यानी कि खुद को पहचानने के लिए कोई काम नहीं करते हम इस धरती पर क्यों आए हैं। हमारी आत्मा, हमारा जीव इस धरती पर क्यों आया है। हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है। इस विषय पर आज का इंसान काम नहीं करता।

इंसान भौतिक सुखों और सुविधाओं के लिए भाग रहा है

आज इंसान भौतिक सुखों और सुविधाओं के लिए भाग रहा है। यह सुख कुछ क्षण के लिए है, मगर जब आप अपनी आत्मा को पहचानने लगेंगे जब आप अपनी आत्मा को जानने लगेंगे और परमात्मा के चरणों में समर्पित होने लगेंगे तो वह सुख आपको हमेशा हमेशा के लिए प्राप्त हो जाएगा। इस अवसर पर भूपेंद्र जैन, कुलदीप जैन, मुकेश जैन, मनोज जैन, भूपेश जैन, सुरेश जैन, सुशील जैन, दीपक जैन, दिनेश जैन, राजेश जैन, टोनी जैन, मेहुल जैन एडवोकेट आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।

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