Agriculture and Welfare Department : जिले में 15 हजार एकड़ में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य: उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया

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Aaj Samaj (आज समाज),Agriculture and Welfare Department,पानीपत: उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि कृषि एवं कल्याण विभाग की ओर से जिले में 15 हजार एकड़ में धान की सीधी बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले के 13 सौ किसानों ने 14 हजार एकड़ में धान की बिजाई को लेकर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। सरकार ने धान की सीधी बिजाई को लेकर 10 जून निर्धारित की है। इसके बाद किसान धान की सीधी बिजाई नहीं कर सकते।
  • सरकार ने धान की सीधी बिजाई के लिए अंतिम तिथि 10 जून
  • धान की सीधी बिजाई करने पर 4 हजार की प्रोत्साहन राशि मिलेगी

मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा

जिला किसान एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि जो किसान आधुनिक तरीके से डीएसआर मशीन से धान की सीधी बीजाई करेंगे विभाग की तरफ से 4 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान की जायेगी। किसानों को इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। जिला किसान एवं कल्याण विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि कृषि अगर धान की बिजाई परंपरागत तरीके की बजाए सीधी पद्धति से की जाए तो 25 प्रतिशत पानी की बचत के साथ लेबर खर्च में भी बचत होगी। किसान इस विधि से 10 जून तक धान की बिजाई कर सकते हैं। धान बिजाई की इस विधि में 6 से 8 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज की जरूरत होगी। विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि धन की सीधी बुआई संसाधन संरक्षित खेती की एक तकनीक है, जिससे 20 प्रतिशत जल तथा श्रम की बचत होती है।

धान की सीधी बुआई के लिए कई मशीनें उपलब्ध हैं

वर्तमान समय में धान की सीधी बुआई के लिए कई मशीनें उपलब्ध हैं एवं व्यापक खरपतवार प्रबंधन की तकनीकें भी उपलब्ध हैं। इस तकनीक की सफलता के लिए सही विधि एवं सही समय से बुआई करनी चाहिए। इस तकनीक से मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार के साथ उत्पादन लागत घटाते हुए किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है। विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि धान की अच्छी फसल के लिए बीज दर, बीज की गहराई, बुआई का समय, बीजोपचार एवं खरपतवार नियंत्रण इत्यादि क्रियाएं महत्वपूर्ण हैं। इससे अधिक उपज के साथ धन, जल एवं श्रमिकों की बचत होती है। धान की सीधी बिजाई में खेत की तैयारी में लगने वाले समय की बचत होती है व धान की फसल कुछ दिनों पहले ही तैयार हो जाती है। उन्होंने किसानों से धान की सीधी बिजाई करने की अपील की।
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