War Like Situation On Pak-Afghan Border, (आज समाज), इस्लामाबाद/काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हुए इस सप्ताह की शुरुआत में हुए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तालिबान और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच भारी गोलीबारी हुई है और हालात बिगड़ते देखकर कतर, सऊदी अरब और ईरान को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा है। तीनों देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
सीमा पर उल्लंघन के बाद जवाबी कार्रवाई की : अफगानिस्तान
अफगानिस्तान की सीमा पर बार-बार उल्लंघन और हवाई हमलों के जवाब में तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की है जिसके बाद तनाव और बढ़ गया है। उसने दावा किया है कि पाकिस्तान ने गुरुवार को अफगान हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और उसकी सीमा के अंदर एक बाजार पर बमबारी की । स्थानीय लोगों के अनुसार इससे कई दुकानें नष्ट हो गईं। अफगान (Afghan) रक्षा मंत्रालय ( Defence Ministry) के प्रवक्ता (spokesman ) इनायतुल्लाह ख़्वारिज्मी ( Inayatullah Khwarizmi) ने शनिवार देर रात जवाबी कार्रवाई की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि तालिबानी बलों ने जवाबी कार्रवाई में उत्तरी सीमा पर कई पहाड़ी इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला किया है। हमलों के कारण हताहतों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने दी चेतावनी
पाकिस्तान (Pakistan) के गृह मंत्री (Home Minister) मोहसिन नकवी ( Mohsin Naqvi) ने कहा कि अफगान हमले बिना उकसावे के किए गए थे और नागरिकों पर गोलीबारी की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि उनके देश की सेना हर ईंट का जवाब पत्थर से देगी। इस्लामाबाद ने काबुल पर अपनी धरती पर पाकिस्तान को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया है, हालांकि तालिबान सरकार ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
अफगानिस्तान आग और खून का खेल खेल रहा : नकवी
सूत्रों के मुताबिक अफगान और पाकिस्तानी के बलों ने कुनार-कुर्रम क्षेत्र में छोटे हथियारों और तोपों का इस्तेमाल किया है। तालिबान के हमलों की कड़ी निंदा करते हुए पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी (Mohsin Naqvi) ने एक पोस्ट कर कहा, अफगान बलों द्वारा नागरिक आबादी पर गोलीबारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन है। अफगानिस्तान आग और खून का खेल खेल रहा है।
पाकिस्तान के आरोप, अफगानिस्तान का इनकार
बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से अफगान तालिबान पर आरोप लगाता रहा है कि वह टीटीपी के नाम से जाने जाने वाले पाकिस्तानी तालिबान को अपनी जमीन से काम करने और इस्लामाबाद सरकार के खिलाफ लड़ने की इजाजत दे रहा है ताकि एक सख्त इस्लामी नेतृत्व वाली शासन व्यवस्था लागू की जा सके। अफगान तालिबान सरकार ने हमेशा इससे इनकार किया है।
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