China On Pahalgam Terror Attack, (आज समाज), बीजिंग: चीन ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। साथ ही ड्रैगन ने क्षेत्रीय देशों से क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान (Lin Jian) ने शुक्रवार को यह बात कही। उनका बयान अमेरिका द्वारा लश्कर-ए-तैयबा के एक मुखौटे और प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद आया है। यूएस के इस कदम की चीन ने सराहना की है।

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पहलगाम हमले में मारे गए थे 26 नागरिक

अमेरिकी विदेश विभाग ने पहलगाम हमले के गुनहगार पाकिस्तान समर्थित लश्कर के सहयोगी टीआरएफ को इसी गुरुवार को एक विदेशी आतंकी संगठन (एफटीओ) और एक विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) दोनों के रूप में नामित किया है। इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अमेरिका के इस कदम की तारीफ की है। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।

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सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है चीन : लिन

लिन जियान ने कहा, चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है और 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा, चीन क्षेत्रीय देशों से आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने और संयुक्त रूप से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने का आह्वान करता है।

मुंबई हमलों के बाद पहलगाम हमला सबसे घातक

अमेरिकी विदेश विभाग ने गुरुवार को कहा कि पहलगाम हमला 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए मुंबई हमलों के बाद से भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि टीआरएफ ने हमले की जिÞम्मेदारी ली थी । उन्होंने कहा कि टीआरएफ ने भारतीय सुरक्षा बलों पर कई हमलों की जिÞम्मेदारी भी ली है, जिनमें सबसे हालिया 2024 का हमला भी शामिल है।

भारत ने जवाब में शुरू किया आपरेशन सिंदूर

भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों को निशाना बनाते हुए आपरेशन सिंदूर शुरू किया। भारत और पाकिस्तान ने चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद 10 मई को संघर्ष समाप्त करने के लिए एक समझौता किया।

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