पंजाब में औद्योगिक नीति में सुधार के लिए छह और सेक्टोरल कमेटियों की अधिसूचना
Ludhiana Breaking News (आज समाज), लुधियाना। राज्य की औद्योगिक नीति को सुदृढ़ बनाने और व्यापार सुगमता में सुधार के लिए उद्योग विशेषज्ञों से सुझाव एकत्र करने की पंजाब सरकार की पहल के तहत, पंजाब के कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने छह और क्षेत्रीय समितियों के गठन की घोषणा की।
समितियों के चेयरमैन इस प्रकार हैं: राजेश खरबंदा (स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन एवं निविया स्पोर्ट्स, जालंधर के मैनेजिंग डायरेक्टर)- स्पोर्ट्स/लेदर गुड्स कमेटी, अश्वनी कुमार (फियो इंडिया के अध्यक्ष, विक्टर फोर्जिंग्स, जालंधर)- मशीन/हैंड्स टूल कमेटी, अशोक अरोड़ा (एलटी फूड्स (दावत चावल)- फूड प्रोसेसिंग एंड डेयरी कमेटी, गुरजिंदर सिंह (बेस्ट वेस्टर्न होटल्स)- टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कमेटी, एएस मित्तल (इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड, होशियारपुर)- हैवी मशीनरी कमेटी, नरेश तिवारी (प्लाईवुड मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं विर्गो पैनल्स, होशियारपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर) – फर्नीचर एंड प्लाई इंडस्ट्री कमेटी।
थिंक टैंक के रूप में काम करेंगी कमेटियां
इन समितियों में विविध औद्योगिक क्षेत्रों के सदस्य शामिल हैं और ये क्षेत्र-विशिष्ट नीतिगत उपायों की सिफारिश करने के लिए थिंक टैंक के रूप में कार्य करेंगी। नई समितियां खेल/चमड़े के सामान, मशीन/हाथ के उपकरण, खाद्य प्रसंस्करण एवं डेयरी, पर्यटन एवं आतिथ्य, भारी मशीनरी, और फर्नीचर एवं प्लाई उद्योग पर केंद्रित हैं। संजीव अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक समिति का मुख्य कार्य समितियों का उद्देश्य पंजाब के विशिष्ट औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ संरचनात्मक और वित्तीय संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, अपने विशिष्ट क्षेत्र के लिए एक अनुकूलित औद्योगिक ढांचे/नीति के लिए सरकार को इनपुट का एक संरचित सेट प्रदान करना होगा।
एक अक्टूबर से प्रस्तुत होंगी सिफारिशें
इसके लिए, समिति को देश के अन्य सभी संबंधित राज्यों की नीतियों और ढांचे का परीक्षण करना होगा और इस प्रकार पंजाब के लिए एक ‘बेस्ट-इन-क्लास’ पालिसी फ्रेमवर्क विकसित करना होगा। समितियां 1 अक्टूबर 2025 तक लिखित रूप में ये सिफारिशें प्रस्तुत करेंगी। हरेक समिति में एक चेयरमैन और उद्योग जगत से कुछ सदस्य होंगे। हालांकि, सरकार के विवेकानुसार और सदस्य जोड़े जा सकते हैं। सदस्यों का आकार, पैमाना और भौगोलिक स्थिति विविध होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चर्चा के दौरान सभी विचारों को सामने रखा जाए। सदस्य समग्र क्षेत्र के विभिन्न उप-खंडों का भी प्रतिनिधित्व करेंगे।