आज समाज, नई दिल्ली: Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान और माहिरा खान के हालिया बयानों ने बवाल मचा दिया है। ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) इन कलाकारों से नाराज है। एसोसिएशन का कहना है कि ये पाकिस्तानी कलाकार भारत के खिलाफ खुलेआम जहर उगल रहे हैं और जो भी भारतीय इनका समर्थन कर रहा है, वह भी देशद्रोही है। नाराज AICWA ने फैसला किया है कि किसी भी पाकिस्तानी कलाकार को भारत में काम नहीं करने दिया जाएगा।

पाकिस्तानी कलाकारों के शालीन शब्द

AICWA ने प्रेस रिलीज जारी कर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से माहिरा खान और फवाद खान ने भारत की आलोचना की है और देश की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए हैं, वह निंदनीय है। माहिरा खान ने तो भारतीय सेना की कार्रवाई को ‘कायरतापूर्ण’ तक कह दिया।

वहीं, फवाद खान ने आतंकवाद की निंदा करने के बजाय भारत की कार्रवाई की आलोचना की और ऐसे विचारों का समर्थन किया जो लोगों को आपस में बांटते हैं। देश का अपमान, शहीदों का अनादर AICWA ने साफ कहा कि इन कलाकारों के बयान न सिर्फ हमारे देश का अपमान है, बल्कि आतंकवाद के कारण अपनी जान गंवाने वाले अनगिनत निर्दोष लोगों के जीवन का भी मजाक उड़ाते हैं।

यह उन वीर जवानों का भी अपमान है, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। एसोसिएशन ने दोहराया कि किसी भी पाकिस्तानी कलाकार, फिल्म निर्माता या निवेशक को भारत में काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कोई भी भारतीय कलाकार अब पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेगा और न ही कोई अंतरराष्ट्रीय मंच साझा करेगा।

शर्मनाक है ‘अबीर गुलाल’

AICWA ने भारतीय कलाकारों से अपील की है कि वे पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन करना बंद करें। ये लोग खुलेआम ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाते हैं और अपने देश के साथ मजबूती से खड़े हैं। भारतीय फिल्म उद्योग को यह समझना होगा कि कला के नाम पर इन कलाकारों का समर्थन करना देश के सम्मान के साथ विश्वासघात है।

इंडस्ट्री में कुछ लोग हमारे देश की भावनाओं को नजरअंदाज कर पाकिस्तानी कलाकारों के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। AICWA ने फवाद खान की फिल्म ‘अबीर गुलाल’ को शर्मनाक उदाहरण बताया। उन्होंने याद दिलाया कि पुलवामा हमले के बाद भी फवाद खान को इस फिल्म में कास्ट किया गया था। एसोसिएशन ने साफ कहा कि भारत के कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को यह तय करना होगा कि वे अपने देश के साथ हैं या फिर उसका विरोध करने वालों के साथ।