64 Pakistani Personnel Killed In Operaton Sindoor, (आज समाज), नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के प्रतिशोध में भारतीय सशस्त्र बलों के आपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 64 सैनिक और अधिकारी मारे गए हैं। भारतीय सेना की 15 कोर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव (Lieutenant General Prashant Srivastava) ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार किए गए जवाबी हमले के प्रमुख परिचालन विवरणों का खुलासा किया।

पहलगाम हमले के प्रतिशोध में चलाया गया था आपरेशन सिंदूर

गौरतलब है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) आतंकियों को 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद करके इस हमले का बदला लिया था। पाकिस्तान के एयरबेस को भी निशाना बनाया गया था।

15 दिन पहले शुरू हुई थी हमले की योजना

पहलगाम हमले के तुरंत बाद आपरेशन सिंदूर की योजना शुरू हुई और 15 दिन से अधिक समय तक भारतीय सेना ने गहन टोही और खुफिया जानकारी जुटाने के लिए रणनीतिक योजना बनाई। इसमें रक्षात्मक मुद्राओं को मजबूत करना, उच्च-मूल्य वाले दुश्मन लक्ष्यों की पहचान करना और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं के साथ अगली पीढ़ी के हथियार प्रणालियों को एकीकृत करना शामिल था।

हमले के पहले 25 मिनट माने गए थे महत्वपूर्ण

सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय की निगरानी द्वारा समर्थित हमले के बाद क्षति आकलन तंत्र पहले से तैयार किया गया था। हमले को सावधानीपूर्वक सिंक्रनाइज किया गया था ताकि एक तेज और जबरदस्त प्रहार किया जा सके, जिसमें पहले 25 मिनट महत्वपूर्ण माने गए। 7 मई को अलसुबह एक बजकर 05 मिनट से एक बजकर 30 मिनट के बीच आक्रमण शुरू हुआ, जिसमें कई दुश्मन ठिकानों पर एक साथ हमले किए गए।

आपरेशन सिंदूर से बेखबर थे पाकिस्तानी सैनिक

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिक आॅपरेशन सिंदूर से पूरी तरह बेखबर थे। कई मामलों में वे हमले के पैमाने को समझने में विफल रहे, जब तक कि पर्याप्त नुकसान नहीं हो गया। भारतीय तोपखाने ने कड़े समन्वय में काम किया, और आतंकी ढांचे व ऐसे नेटवर्क का समर्थन करने वाले पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर लेकिन चुनिंदा गोलाबारी की।

किसी महिला या बच्चे को निशाना नहीं बनाया गया

लेफ्टिनेंट जनरल श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि किसी भी महिला या बच्चे को निशाना नहीं बनाया गया, जो भारतीय सेना की नैतिक आचरण के प्रति सख्त प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुजफ्फराबाद सेक्टर सहित प्रमुख दुश्मन ठिकानों पर हमला किया गया, जो पाकिस्तानी क्षेत्र में 34 से 41 किलोमीटर तक अंदर तक फैले हुए थे।

भारत का यह पहला समन्वित हमला

आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद कई चौकियों को भी चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया गया, जिनका कथित तौर पर आतंकी ठिकानों के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। यह पहली बार था जब भारत ने समन्वित हमले में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर कई क्षेत्रों में इतनी गहराई से और व्यापक रूप से हमला किया।

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