• 9 प्रमुख आतंकी शिविरों को बनाया गया निशाना
  • 4 लक्ष्य पाकिस्तान के अंदर, पांच पीओके में थे

100 Terrorists Killed In Opperation Sindoor, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया है। सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार मरने वाले आतंकियों की सटीक संख्या बताना फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन भारत के हमलों में कम से कम 100 आतंकी मार गिराए गए हैं। यह संख्या इससे ज्यादा हो सकती है।

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पहलगाम हमले का प्रतिशोध

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा 26 लोगों की हत्या के प्रतिशोध में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके में नौ भारत विरोधी आतंकी ठिकानों को लक्ष्य बनाकर हमला किया और इन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया है।

पाकिस्तान में जैश, लश्कर और हिजबुल पर हमले

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े नौ प्रमुख आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। इनमें से चार लक्ष्य पाकिस्तान के अंदर और बाकी पांच पीओके में स्थित थे। पाकिस्तान में जो लक्ष्य थे उनमें बहावलपुर, मुरीदके, सरजाल और मेहमूना जोया शामिल हैं। वहीं वहीं भारत के निशाने पर पीओके के पांच अन्य स्थान भीमबर में मरकज अहले हदीस बरनाला, कोटली, शावाई नाला कैंप में मरकज अब्बास और मस्कर राहिल शाहिद व मुजफ्फराबाद में मरकज सैयदना बिलाल थे।

बहावलपुर : मसूद अजहर सहित कई के आवास

बहावलपुर में 2015 से चालू मरकज सुभान अल्लाह प्रशिक्षण और स्वदेशीकरण के लिए जेईएम का मुख्य केंद्र है। यह जेईएम के परिचालन मुख्यालय के रूप में कार्य करता है। यह केंद्र 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा हमले सहित जेईएम द्वारा आतंकी योजना से जुड़ा है। मरकज में जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, जेईएम के वास्तविक प्रमुख मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और मसूद अजहर के अन्य परिवार के सदस्यों के आवास शामिल हैं।

मुरीदके : लश्कर का सबसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र

मुरीदके में, मरकज तैयबा, 2000 में स्थापित, नांगल साहदान, मुरीदके, शेखूपुरा, पंजाब, पाकिस्तान में स्थित लश्कर का ‘अल्मा मेटर’ और सबसे महत्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र है। इस मरकज में हर साल करीब 1000 छात्र अलग-अलग कोर्स में दाखिला लेते हैं। यह लश्कर-ए-तैयबा के लिए आतंकी संगठन तैयार करने में इसकी भूमिका को दर्शाता है।

अजमल कसाब सहित कई को इसी जगह दिया प्रशिक्षण

अजमल कसाब सहित 26/11 के मुंबई हमले के अपराधियों को इसी सुविधा में ‘दौरा-ए-रिब्बत’ (खुफिया प्रशिक्षण) दिया गया था। 26/11 के मुंबई हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा भी यहां आ चुके थे।

सरजाल और मेहमूना जोया दो अन्य लक्ष्य

सरजाल में आतंकियों की घुसपैठ के लिए जेईएम के केंद्रीय लॉन्चिंग सुविधा को निशाना बनाया गया। वहीं सियालकोट में मेहमूना जोया सुविधा एक और लक्ष्य था, जहां पाक-आईएसआई सरकारी भवनों में आतंकी सुविधाएं स्थापित कर रही थी।

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