Online Gaming Bill, (आज समाज), नई दिल्ली: लोकसभा सत्र में बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पारित कर दिया। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य भारत के तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को बढ़ावा देना और उसका नियमन करना है। हालाँकि ई-स्पोर्ट्स समुदाय ने इस विधेयक की ऐतिहासिक सराहना की है, लेकिन इसने अरबों डॉलर के रियल-मनी गेमिंग क्षेत्र में हलचल मचा दी है।
सदन में हंगामे के कारण, लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार तक और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई, लेकिन फिर भी विधेयक पारित हो गया। विशेषज्ञ इसे भारत के गेमिंग परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बता रहे हैं।
केंद्रीय नियामक निकाय का प्रस्ताव
विधेयक में चार प्रमुख क्षेत्रों की निगरानी के लिए एक केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के गठन का प्रस्ताव है:
ई-स्पोर्ट्स
शैक्षिक खेल
सामाजिक गेमिंग
असली पैसे से खेलने वाले खेल
इनमें से, असली पैसे से खेलने वाले गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म—जैसे फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स और ऑनलाइन पोकर—को सबसे ज़्यादा नुकसान होने की उम्मीद है।
सख्त प्रतिबंध और दंड
विधेयक के “निषेध खंड” में स्पष्ट रूप से कहा गया है: “कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम्स या ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, प्रचार, सुविधा या उनमें शामिल नहीं होगा।” बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े लेनदेन संसाधित करने से रोक दिया गया है। असली पैसे से खेलने वाले गेम पेश करने वाली कंपनियों को 3 साल तक की कैद या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है। ऐसे प्लेटफ़ॉर्म का विज्ञापन करने पर 2 साल की कैद या ₹50 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
सरकार ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि उपयोगकर्ताओं की जमा राशि से लाभ कमाने वाले ऑनलाइन मनी गेम्स से व्यापक नुकसान होता है। अधिकारियों ने वित्तीय स्थिरता, मानसिक स्वास्थ्य और जन स्वास्थ्य, खासकर युवाओं और आर्थिक रूप से कमज़ोर समूहों के लिए गंभीर जोखिमों को उजागर किया।
भारतीय खेल और क्रिकेट पर प्रभाव
इस विधेयक का भारतीय क्रिकेट पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है, जहाँ फ़ैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनियों के प्रायोजन तेज़ी से बढ़े हैं। टीम इंडिया का वर्तमान प्रायोजक, ड्रीम11, कथित तौर पर लगभग ₹358 करोड़ का योगदान देता है। My11Circle के पास पाँच साल के लिए आईपीएल फ़ैंटेसी अधिकार हैं, जिनकी कीमत ₹625 करोड़ है। कई शीर्ष भारतीय क्रिकेटरों के इन कंपनियों के साथ व्यक्तिगत विज्ञापन समझौते भी हैं। इस प्रतिबंध से क्रिकेट प्रायोजन और विज्ञापन राजस्व में भारी कमी आने की उम्मीद है।
ई-स्पोर्ट्स उद्योग खुश
दूसरी ओर, ई-स्पोर्ट्स समुदाय ने इस विधेयक का स्वागत किया है और इसे भारत में प्रतिस्पर्धी गेमिंग को लंबे समय से प्रतीक्षित मान्यता बताया है। ई-स्पोर्ट्स 2027 के ओलंपिक में अपनी शुरुआत की तैयारी कर रहा है, ऐसे में इस विधेयक से इस क्षेत्र को कानूनी वैधता और नियामक स्पष्टता मिलने की उम्मीद है, जिससे नए निवेश, प्रायोजन और विकास के अवसर खुलेंगे।
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