धन-समृद्धि के खुलेंगे द्वार, मिलेगी हर कष्ट से मुक्ति
Margashirsha Amavasya, (आज समाज), नई दिल्ली: मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय माह कहा गया है, वहीं अमावस्या तिथि को पितरों की तृप्ति और दान-पुण्य के लिए उत्तम समय माना जाता है. इस दिन किए गए उपायों से धन-संपत्ति की वृद्धि होती है, जीवन के संकट दूर होते हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पंचांग के अनुसार, साल 2025 में मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व, पूजा विधि और कुछ ऐसे अचूक उपाय जो आपके जीवन की दिशा बदल सकते हैं।

मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त

  • मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 नवंबर 2025, सुबह 09 बजकर 43 मिनट से।
  • मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि समाप्त: 20 नवंबर 2025, दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर।
  • स्नान-दान का शुभ समय (सूर्योदय): 20 नवंबर 2025, सुबह 06 बजकर 48 मिनट।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर किए जाने वाले उपाय

  • पवित्र नदी में स्नान और सूर्य को अर्घ्य: इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी (जैसे गंगा) में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करें।
  • पितरों का तर्पण और पीपल की पूजा: पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें। शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। पीपल में पितरों का वास माना जाता है। दीपक जलाने के बाद 5 या 7 बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि इससे पितृ दोष दूर होता है।
  • भगवान विष्णु की विशेष पूजा: पूजा स्थल पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। भगवान को तुलसी दल, पीले पुष्प, चंदन और मिठाई अर्पित करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का या भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करें। यह उपाय हर कष्ट से मुक्ति दिलाता है।
  • अन्न और दीपदान का महत्व: मार्गशीर्ष अमावस्या पर अन्न का दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जरूरतमंदों को चावल, आटा, दाल, या पका हुआ भोजन (ब्राह्मणों को भोजन) दान करें। ऐसा करने से घर में अन्न की कमी नहीं होती।

मार्गशीर्ष अमावस्या का धार्मिक महत्व

यह दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए सबसे शुभ है। इन कार्यों से पितर प्रसन्न होकर परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है।

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