वरना नहीं मिलेगा पूजा और व्रत का फल
Akhuratha Sankashti Chaturthi, (आज समाज), नई दिल्ली: हर साल पौष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश को समर्पित किया गया है। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ में इस दिन व्रत किया जाता है। इस दिन व्रत और पूजन करने वालों को बप्पा की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
भगवान गणेश की कृपा से सारे दुख दूर हो जाते हैं। घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। घर धन-धान्य से भरा रहता है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के समय बप्पा को उनके प्रिय भोग लगाने चाहिए। ऐसा करने से जीवन में शुभता आती है। वहीं अगर इस दिन पूजा के समय बप्पा को भोग न लगाए जाएं तो उनकी पूजा संपन्न नहीं मानी जाती। यही नहीं पूजा और व्रत का पूरा फल भी प्राप्त नहीं होता।
कब है अखुरथ संकष्टी चतुर्थी?
पंचांग के अनुसार, पौष मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 07 दिसंबर यानी की आज शाम 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी। इस तिथि का समापन 08 दिसंबर को शाम 04 बजकर 03 मिनट पर होगा। ऐसे में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी आज रहेगी। आज ही इसका व्रत रखा जाएगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह 08 बजकर 19 मिनट से दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक का शुभ मुहूर्त बताया गया है। वहीं, इस दिन चांद निकलने का समय शाम में 07 बजकर 55 मिनट है। 07 दिसंबर को राहुकाल शाम 04 बजकर 06 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
भगवान गणेश के प्रिय भोग
- भगवान गणेश को मोदक सबसे प्रिय है, इसलिए अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन बेसन, चावल के आटे या आटे से बने 11 या 21 मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
- भगवान गणेश को बूंदी और बेसन के लड्डू बहुत प्रिय हैं, इसलिए इस भगवान गणेश को बूंदी और बेसन के लड्डूओं का भोग अवश्य लगाएं।
- गणेश जी को केला फल और गुड़ मिठास का भोग लगाएं।
- संकष्टी चतुर्थी के दिन उबली हुई या भूनकर शकरकंद का भोग भगवान को अवश्य लगाएं।


