4 दिसंबर को मनाई जाएगी अन्नपूर्णा जयंती
Annapurna Jayanti, (आज समाज), नई दिल्ली: अन्नपूर्णा जयंती मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी पार्वती के अन्नपूर्णा स्वरूप को समर्पित है, जिन्होंने पृथ्वी पर अन्न के संकट को दूर किया था। इस साल अन्नपूर्णा जयंती दिन गुरुवार, 04 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन रसोई, चूल्हे और अन्न की खास पूजा होती है।

मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धापूर्वक देवी को इस पावन दिन पर उनके प्रिय भोग लगाते हैं, उनके घर के भंडार पूरे साल भरे रहते हैं और कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं होती। आइए माता रानी का प्रिय प्रसाद जानते हैं।

मां अन्नपूर्णा को प्रिय हैं ये 5 दिव्य भोग

  • चावल की खीर: खीर मिठास और समृद्धि का प्रतीक है। माता अन्नपूर्णा को चावल और दूध से बनी खीर का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
    खीर में तुलसी दल डालना न भूलें।
  • पूड़ियां: यह पर्व अन्न के महत्व को दिखाता है, इसलिए पूरियों का भोग जरूर लगाएं। पूरियां शुद्ध घी में तली हुई होनी चाहिए। इसे सब्जी के साथ अर्पित करें।
  • बेसन के लड्डू: बेसन गुरु ग्रह और पीला रंग भगवान विष्णु को प्रिय है। मां अन्नपूर्णा को पीली चीजें अर्पित करने से घर में ज्ञान और समृद्धि आती है। ऐसे में घर पर शुद्ध घी और बेसन से बने लड्डू भोग में जरूर शामिल करें।
  • पांच प्रकार के फल: माता अन्नपूर्णा को कम से कम पांच प्रकार के मौसमी फलों का भोग जरूर लगाना चाहिए। ऐसा करने से देवी की कृपा मिलती है।
  • गुड़ और तिल का मिश्रण: पौष महीने के आसपास तिल का महत्व बढ़ जाता है। गुड़ ऊर्जा और मिठास का प्रतीक है। ऐसे में गुड़ और तिल से बनी चीजें माता को जरूर चढ़ाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और धन की रुकावटें दूर होती हैं।

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