भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं मा दुर्गा
Shardiya Navratri Special, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। नवरात्र पर मां को प्रसन्न करने के लिए विविध भोग अर्पित करते हैं। शास्त्रों में वर्णित है कि देवी दुर्गा कुछ विशेष फलों को अत्यंत प्रिय मानती हैं। इन फलों को सच्चे मन से अर्पित करने पर मां शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और जीवन से संकट, दुख और दरिद्रता को दूर करती हैं।

घर में सुख, शांति और समृद्धि का होता है वास

मां दुर्गा को प्रिय फल अर्पित करने से न केवल देवी प्रसन्न होती हैं बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। नवरात्रि में इन फलों को श्रद्धा और भक्ति भाव से अर्पित करने से मां का आशीर्वाद सहज ही प्राप्त होता है और हर प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं।

  • सेब: मां दुर्गा को सेब अत्यंत प्रिय माना जाता है। यह फल स्वास्थ्य, सौंदर्य और दीघार्यु का प्रतीक है। सेब चढ़ाने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • केला: केले को शुद्ध और सात्विक फल माना गया है। मां को केला अर्पित करने से घर में संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि मिलती है। देवी पूजा में केले का वृक्ष भी शुभ माना गया हैद्ध
  • अंगूर: अंगूर मां दुर्गा को प्रिय फलों में से एक है। यह फल सौभाग्य, धन और ऐश्वर्य का प्रतीक है। अंगूर चढ़ाने से घर में बरकत बढ़ती है और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  • नारंगी/संतरा: नारंगी शुद्धता और सकारात्मकता का प्रतीक मानी जाती है। संतरे का भोग अर्पित करने से मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है। यह देवी को प्रसन्न कर जीवन से नकारात्मकता को दूर करता है।
  • आम: आम को फलों का राजा माना गया है और यह मां दुर्गा को बहुत प्रिय है। आम चढ़ाने से विद्या, बुद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। विशेषकर गर्मियों में आम का भोग अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • अनार: अनार को शक्ति और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। मां दुर्गा को अनार अर्पित करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। यह फल संतान सुख और उन्नति का कारक है।
  • मौसमी/खरबूजा: यह फल शांति और सौभाग्य प्रदान करने वाला माना गया है। मां को मौसमी या खरबूजा चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

पूजन विधि

  • सुबह स्नान के बाद स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र पहनकर मां दुर्गा की प्रतिमा/चित्र के सामने दीप जलाएं।
  • धूप, फूल और अक्षत अर्पित करें।
  • इसके बाद मां को उनके प्रिय फल जैसे सेब, केला, अंगूर, अनार आदि चढ़ाएं।
  • श्रद्धापूर्वक दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
  • पूजा उपरांत फल को प्रसाद के रूप में परिवार और भक्तों में बांट दें।

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