आज से 3 दिन तक उत्तर-पश्चिम हवाएं चलने के आसार
Haryana Weather Update, (आज समाज), चंडीगढ़: हरियाणा में ठंड का अहसास होना शुरू हो गया है। तापमान में गिरावट के चलते प्रदेश में रातें ठंडी होने लग गई है। हालांकि दिन में धूप खिलने के कारण मौसम में गर्मी बनी हुई है। मौसम विभाग ने हरियाणा में आज से दोपहर के समय उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलने का अनुमान जताया है। हवाओं की रफ्तार 15 किमी प्रतिघंटा रह सकती है। हवाओं के चलने के कारण अधिकतम तापमान भी सामान्य से 1 से 2 डिग्री तक कम रह सकता है।

वहीं हरियाणा में शनिवार को उत्तर-पश्चिमी हवाओं से तापमान में लगातार चौथे दिन भी गिरावट दर्ज की गई है। इस कारण हिसार, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में तापमान 17 डिग्री के करीब पहुंच गया है। बता दें कि, हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के कारण अक्टूबर के 9 दिनों में करीब 30 एमएम बारिश हो चुकी है। आमतौर पर इस दौरान 4 एमएम बारिश होती है, मगर इस बार 649 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। इससे पहले 2004 में पूरे अक्टूबर में 58.4 एमएम बारिश हुई थी।

महेंद्रगढ़ की रात सबसे ठंडी

बारिश के कारण हरियाणा के अधिकांश जिलों में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। शनिवार को भी प्रदेश में महेंद्रगढ़ की रात सबसे ठंडी रही। यहां रात का तापमान 17.1 डिग्री दर्ज किया गया है। रात के समय ठंडक महसूस होने से कूलर व एसी लोगों ने बंद कर दिए हैं।

फतेहाबाद रहा सबसे गर्म

प्रदेश में पिछले दिनों लगातार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से अधिक वर्षा हो रही थी। वहीं अब मौसम खुश्क रहने लगा है। जिससे प्रदेश के उत्तरी, पूर्वी जिलों के साथ तकरीबन सभी जिलों में रात्रि तापमान में गिरावट आ रही है। पंजाब से सटे इलाकों में भी मौसम सामान्य बना हुआ है। सिरसा का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस है। वहीं न्यूनतम तापमान 18.8 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। फतेहाबाद का अधिकतम तापमान भी 31.1 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है। वहीं न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस पर है।

सरसों व चने की बुआई का उपयुक्त समय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के आगे जाने से 14 अक्टूबर तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। दिन के समय पड़ रही धूप व रात के समय ठंडक बढ़ने पर यह मौसम रबी की फसलों की बुआई के लिए बिल्कुल उपयुक्त समय है। इस मौसम में किसानों को सरसों, चना व गेहूं की बुआई करनी चाहिए।