New Interest Rates : आज के समय में हर कोई किसी न किसी योजना में निवेश करता है ताकि एक बेहतर रिटर्न प्राप्त किया जा सके। निवेश के लिए भी कई योजनाएं है जैसे – PPF, NSC, SCSS या सुकन्या समृद्धि योजना। हाल ही में सरकार ने इन योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आपको बता दें कि इन योजनाओं की ब्याज दरों की हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है। ऐसी अटकलें थीं कि सरकार इस बार दरों में कमी कर सकती है। हालांकि, सरकार ने दरों को अपरिवर्तित रखकर उन सभी अटकलों को गलत साबित कर दिया है।
1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक आपको पहले जैसी ही ब्याज दरें मिलती रहेंगी।
यह लगातार छठी तिमाही है, जिसमें सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए मौजूदा ब्याज दरें ही रहेंगी। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी साझा की गई है।
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं
अगर आप पीपीएफ, एनएससी, एससीएसएस या सुकन्या समृद्धि योजना जैसी पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपके लिए जरूरी खबर है। केंद्र सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 तिमाही के लिए इन छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इन ब्याज दरों की हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है। कई लोगों को इस बार दरों में कटौती की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने दरों को अपरिवर्तित रखा है।
यह लगातार छठी बार है, जब ब्याज दरें स्थिर रही हैं। इसका मतलब है कि अप्रैल से जून 2025 तिमाही की दरें चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए जारी रहेंगी। इस अपडेट की पुष्टि वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के ज़रिए की गई है।
विभिन्न योजनाओं पर ब्याज दरें
यहाँ मौजूदा ब्याज दरें हैं:
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) – 7.1%
- नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) – 7.7%
- सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) – 8.2%
- सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) – 8.2%
- 3-वर्षीय टर्म डिपॉज़िट – 7.1%
- डाकघर बचत खाता – 4%
- किसान विकास पत्र (115 महीने में मैच्योरिटी) – 7.5%
- मासिक आय योजना (MIS) – 7.4%
ये योजनाएँ कई बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट की तुलना में ज़्यादा रिटर्न देती हैं और इन्हें सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।
रेपो रेट में गिरावट के बावजूद ब्याज दरों में कटौती क्यों नहीं? इस साल अब तक भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1% की कटौती की है। फरवरी में इसमें 0.25%, अप्रैल में 0.25% और जून में 0.50% की कटौती की गई थी। इससे सरकारी बॉन्ड यील्ड में भी गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, 10 साल के सरकारी बॉन्ड पर यील्ड 1 जनवरी 2025 को 6.779% से घटकर 25 जून 2025 को 6.283% हो गई।
इस वजह से कई विशेषज्ञों को लगा कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें भी कम हो जाएंगी। लेकिन सरकार ने जनहित को ध्यान में रखते हुए कोई बदलाव नहीं किया।
डाकघर की ब्याज दरें आमतौर पर श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर तय की जाती हैं। समिति के अनुसार, दरें उसी अवधि के लिए सरकारी बॉन्ड यील्ड से 25 से 100 आधार अंक अधिक होनी चाहिए। हालांकि, सरकार इस नियम का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है और कई बार आम निवेशकों को सहारा देने के लिए दरों को अपरिवर्तित रखती है।
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