त्योहारी सीजन शुरू होते ही केंद्र सरकार ने देश की जनता को दिया उपहार
GST New Rates Apply (आज समाज), बिजनेस डेस्क : आज से देश भर में जीएसटी की नई दरें लागू हो चुकी हैं। जीएसटी की नई दरों को मंजूरी चार सितंबर को वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दी गई थी। नई दरें लागू करने से पहले रविवार शाम को देश की जनता को पीएम मोदी ने संबोधित किया और इसे देशवासियों के लिए त्योहारों का उपहार बताया।
ज्ञात रहे कि आज से देश में हर आम व्यक्ति के दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं से लेकर खास वस्तुओं तक के दाम में कमी आएगी। बताया जा रहा है कि आज से रसोई के जरूरी सामान से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाइयों और उपकरणों से लेकर आॅटोमोबाइल तक लगभग 375 वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी। इन वस्तुओं में नमक, दूध से लेकर दवाओं व महंगी गाड़ियां तक सभी शामिल हैं।
घर बनाना होगा पहले से सस्ता
इसके अलावा, घर बनाने वालों को भी लाभ होगा क्योंकि सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने पहले ही दवा की दुकानों को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी कटौती के लाभों को ध्यान में रखते हुए अपनी अधिकतम खुदरा कीमत (एमआरपी) संशोधित करें या कम दरों पर दवाइयां बेचें। सेवाओं की बात करें तो सौंदर्य और शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं जिनमें हेल्थ क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग आदि सेवाओं पर जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) 18 प्रतिशत से घटाकर बिना टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
ज्यादात्तर वस्तुओं पर पांच और 18 प्रतिशत जीएसटी
जिसमें अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं पर पांच और 18 प्रतिशत का कर लगेगा। अति विलासिता वस्तुओं पर 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा, जबकि तंबाकू और संबंधित उत्पाद 28 प्रतिशत और उपकर की श्रेणी में बने रहेंगे।
जीएसटी की नई दरों को लेकर यह बोली वित्त मंत्री
वित्त मंत्री देश की अर्थव्यवस्था में पंख लग जाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में बदलाव से आम लोगों के पास 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे। इससे लोग अपनी मर्जी से ज्यादा खर्च कर पाएंगे। विशाखापत्तनम में ‘नेक्स्ट जेन जीएसटी रिफॉर्म्स ‘ पर एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि 99% सामान, जिनसे 12% रेवेन्यू आता है, अब 5% जीएसटी के दायरे में आएंगे। इससे मिडिल क्लास और गरीबों को बहुत फायदा होगा। निर्मला सीतारमण के अनुसार, जीएसटी काउंसिल का यह फैसला उपभोक्ताओं पर टैक्स का बोझ कम करने और अर्थव्यवस्था में पैसे की तरलता बढ़ाने के लिए है।