• घटस्थापना मुहूर्त सुबह छह बजकर 09 मिनट से लेकर आठ बजकर 06 मिनट तक

Navratri 2025 (आज समाज) जींद। अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शारदीय नवरात्र शुरू होते हैं। नवरात्र के नौ दिनों के दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा इस दौरान अपने भक्तों की पुकार जरूर सुनती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस बार शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं। शारदीय नवरात्र पर्व को लेकर बाजार मां भगवती को अर्पित किए जाने वाली सामग्री से सजे हुए हैं। रविवार को श्रद्धालुओं ने दुकानों से लाल चुनरी, नारियल, श्रृंगार, प्रसाद को खरीदा।

इसके अलावा शहर के सभी मंदिरों के बाहर प्रसाद तथा फलों की दुकानें भी सज गई हैं। नवरात्रों के मध्य नजर ऐतिहासिक जयंती देवी मंदिर, सोमनाथ मंदिर, माता वैष्णवी धाम, प्राचीन भूतेश्वर मंदिर, रघुनाथ मंदिर में नवरात्र पर्व को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। मंदिरों को सजाया गया है और उन पर रंग बिरंगी बिजली की लडिय़ां लगाई गई हैं। मंदिर प्रांगण की सजावट के अलावा मूर्तियों का श्रंगार भी किया गया है। श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई दिक्कत न आए इसके लिए सेवादारों की डयूटियां लगाई गई हैं। वैष्णवी धाम में नर्वाण महायज्ञ का भी आयोजन होगा जो नवरात्र की दशमी तक जारी रहेगा।

दो अक्टूबर को दशहरा पर्व

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि वैदिक पंचांग गणना के अनुसार शारदीय नवरात्र पर घटस्थापना मुहूर्त सोमवार को सुबह छह बजकर 09 मिनट से लेकर आठ बजकर 06 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। श्रद्धालु इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

दो अक्टूबर को दशहरा पर्व होगा। इस दिन श्रद्धालुओं को पूरे दस दिन मिलेंगे। घट स्थापना यानी मिट्टी का घड़ा, चांदी, अष्ट धातु, पीतल या आदि धातु का कलश इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर इसमें जौं डालें। फिर एर परत मिट्टी की बिछाएं। एक बार फिर जौं डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें।

नवरात्र को लेकर मंदिर में सभी तैयारियां पूरी : नवीन शास्त्री

जयंती देवी मंदिर के पुजारी नवीन शास्त्री ने बताया कि नवरात्र को लेकर मंदिर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी न हो, इसके लिए वालेंटियर की डयूटी लगा दी गई है। साथ ही बेरिकेटिंग भी की गई है। असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस सुरक्षा का प्रबंध किया गया है। नवरात्रि पर्व में नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना की जाएगी।

पहले दिन कलश स्थापना करते हुए विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना शुरू होगी फिर अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाएगा। मान्यता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा स्वर्ग लोक से पृथ्वीलोक पर अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आती हैं। नवरात्र के यह यह व्रत विद्या, बुद्धि, यश, बल, वैभव, धन, संतान व मोक्ष जैसे तत्वों को सहज ही प्रदान करता है।

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