जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त
Navpatrika Puja, (आज समाज), नई दिल्ली: शारदीय नवरात्र के दौरान नवपत्रिका पूजा की जाती है। यह पूजा नवरात्र की सप्तमी तिथि पर की जाती है। यह पूजा मुख्य रूप से बंगाल झारखंड ओडिशा जैसे राज्यों में अधिक प्रचलित है। नवपत्रिका का अर्थ है नौ पत्तियां। माना जाता है कि नवपत्रिका पूजा से साधक को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है और सुख-समृद्धि आती है। साथ ही इस पूजा को फसल की अच्छी पैदावार के लिए भी किया जाता है। चलिए जानते हैं नवपत्रिका पूजा की विधि और महत्व।

नवपत्रिका पूजा का दिन

पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि 28 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 29 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में नवपत्रिका पूजा सोमवार, 29 सितंबर को की जाएगी।

पूजा का शुभ मुहूर्त

नवपत्रिका के दिन अरुणोदय: प्रात: 5 बजकर 49 मिनट पर

नवपत्रिका के दिन अवलोकनीय सूर्योदय: सुबह 6 बजकर 13 मिनट पर

क्या है नवपत्रिका

नवपत्रिका पूजा को महा सप्तमी भी कहा जाता है, जो दुर्गा पूजा का पहला दिन है। इस दिन नौ तरह की पत्तियों को बांधा जाता है और इससे देवी दुर्गा की आराधना की जाती है, जिसे नवपत्रिका कहा जाता है।

दुर्गा नवपत्रिका पूजा में केले, दारुहल्दी, हल्दी, जयंती, बेलपत्र, अनार, अशोक, धान और अमलतास की पत्तियों को शामिल किया जाता है। इन नौ पत्तियों मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

पूजा विधि

पूजा के दौरान सबसे पहले इन नौ पत्तियों को बांधकर किसी पवित्र नदी में स्नान करवाया जाता है, जिसे महास्नान के रूप में जाना जाता है। इसके बाद घर के मंदिर में एक चौकी बिछाकर उसपर मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है और मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।

इसके बाद देवी मां को नैवेद्य और 16 शृंगार आदि अर्पित की जाती है और विधि-विधान से उनकी पूजा की जाती है। अंत में मां दुर्गा की आरती कर सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है।

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