Navjot Kaur : ‘मेरा सस्पेंशन ऑर्डर एक स्टेट प्रेसिडेंट का है, जिनका कोई मतलब नहीं, मैं दिल्ली हाई कमांड के टच में हूं

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Navjot Kaur : 'मेरा सस्पेंशन ऑर्डर एक स्टेट प्रेसिडेंट का है, जिनका कोई मतलब नहीं, मैं दिल्ली हाई कमांड के टच में हूं
Navjot Kaur : 'मेरा सस्पेंशन ऑर्डर एक स्टेट प्रेसिडेंट का है, जिनका कोई मतलब नहीं, मैं दिल्ली हाई कमांड के टच में हूं

Navjot Kaur, (आज समाज), चंडीगढ़: नवजोत कौर सिद्धू बयान से पंजाब कांग्रेस में घमासान मच गया है, एक तरफ जहां नवजोत कौर ने सीएम बनने के लिए 500 करोड़ रुपए लेने का आरोप लगाया, वहीँ उनके इस बयान के बाद उन्हें कल प्रदेश प्रमुख ने पार्टी ने निकालने का नोटिस जारी किया था, लेकिन नवजोत के तेवर ठंडे नहीं पड़े, बल्कि सस्पेंनशन पर पलटवार करते हुए कहा कि ”मेरा सस्पेंशन ऑर्डर एक स्टेट प्रेसिडेंट (राजा वारिंग) का है, जिनका कोई मतलब नहीं है। मैं दिल्ली हाई कमांड के टच में हूं। हमारी भी कंडीशन हैं कि हम चोरों को सपोर्ट नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुझे एआईसीसी का सपोर्ट था। 70 फीसदी कांग्रेस मेरे साथ है।”

मीडिया के सामने खुलकर पंजाब कांग्रेस पर हमला बोला था

बता दें कि दो दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने मीडिया के सामने खुलकर पंजाब कांग्रेस पर हमला बोला था और कई बड़े आरोप लगाए थे, जिसमें नवजोत ने कहा था कि अब योग्यता या काबिलियत के दम पर सीएम पद नहीं मिलता, बल्कि जो 500 करोड़ रुपए का सूटकेस देते है उन्हें सीएम पद का दावेदार बनाया जाता है। उन्होंने कहा था कि सिद्धू राजनीति में सक्रीय हो सकते है, यदि पार्टी उन्हें सीएम पद का दावेदार बनाये तो, लेकिन सिद्धू के पास शक्ति है, राज्य की हालत को बदलने का विज़न है, पर पैसे नहीं है।

सिद्धू के आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित : रंधावा

वहीँ नवजोत कौर के इस बयान ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी और नवजोत कौर सिद्धू के आरोपों के बाद भाजपा और आप ने कांग्रेस भी पर हमला बोला है। वहीं गुरदासपुर से सांसद और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू के 7 और 8 दिसंबर को दिए गए बयानों के खिलाफ गंभीर कानूनी नोटिस भेजा है। जिनमें रंधावा पर राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी रहते हुए टिकट वितरण में पैसों के लेनदेन और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। इस नोटिस में कहा गया है कि सिद्धू के आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावना से प्रेरित हैं। इन बयानों से उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा है। कानूनी नोटिस के तहत नवजोत कौर सिद्धू से मांग की गई है कि 7 दिनों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे।

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