Three thousand ventilators were given to the states to fight the corona: कोरोना से लड़ने के लिए तीन हजार वेंटिलेटर राज्यों को दिए गए , पीएम केयर्स फंड से दो हजार करोड़ के वेंटिलेटर खरीदें जाएंगे

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के कारण तीन लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं। यह महामारी लगातार भारत मेंलोगों को अपनी चपेट मेंले रही है। अब लगभग हर दिन दस हजार से ज्यादा नए कोरोनो मरीज आ रहेहैं। आज पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत बने वेंटिलेटर को विभिन्न राज्योंको दिया। इसके प्रथम चरण के तहत 3000 वेंटिलेटर राज्यों को दिए गए हैं। बता दें कि वेंटिलेटर की आवश्यकता कोरोना के गंभीर रोगियों को पड़ती है। वेंटिलेटर गंभीर कोरोना मरीजों के लिए जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण है, क्योंकि उनमें से कुछ एक्यूट रेस्परेटरी डिजीज सिंड्रोम (एआरडीएस) विकसित करते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मई में कहा था कि जून तक भारत में 75 हजार वेंटिलेटर की मांग होगी। एक अधिकारी के अनुसार राज्यों को अभी तीन हजार वेंटिलेटर दिए है जो अस्पालों में लगेगें। आने वाले समय में वेंटिलर के निर्माण में तेजी आएगी। मेक इन इंडिया पहल को आगे बढ़ाते हुए वेंटिलेटर के स्थानीय निमार्ताओं की पहचान की गई है। उन्हें निदेर्शों के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण और अन्य प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देते हुए नई आपूर्ति श्रृंखलाएं बनाई गईं। उन्हें आपूर्तिकतार्ओं और राज्य सरकारों के साथ लॉजिस्टिक मुद्दों के साथ मदद की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, जून 2020 तक पीपीई किटों की कुल अनुमानित मांग करीब दो करोड़ है। आज तक, सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक करोड़ से अधिक पीपीई किट वितरित किए हैं। अब तक उन्हें एक करोड़ से अधिक एन-95 मास्क प्रदान किए गए हैं। गौरतलब है कि सरकार ने देश भर में कोरोना वायरस के मामलों में हो रही वृद्धि को देखते हुए देश में इसके इलाज के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए, 50,000 मेड इन इंडिया वेंटिलेटर बनाए जा रहे हैं। सरकार लगभग 2000 करोड़ की लागत से पीएम केयर्स फंड सेइसे खरीदेगी। ये वेंटिलेटर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों में दिए जाएंगे।”

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