Smriti Irani’s heated argument with Congress members in the rape case: दुष्कर्म मामले में स्मृति ईरानी की कांग्रेस के सदस्यों से तीखी बहस

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नई दिल्ली। आज के दिन सुबह उठते ही सभी को हैदराबाद रेप केस मामले में आरोपी चारों व्यक्तियों की एनकाउंटर में मौत की खबर मिली। इस खबर से लोगों में खुशी की लहर दिखी। मिठाइयां बंटी, पुलिस पर फूल बरसाए गए। लोकसभा में भी रेप केस पर चर्चा हुई। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधारी ने कहा कि एक तरफ राम मंदिर बनाने वाले हैं दूसरी तरफ सीताएं जल रही है। उनका इशारा उन्नाव में एक दुष्कर्म पीड़िता को जलाये जाने की घटना की ओर था। इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दुष्कर्म जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्मृति ईरानी ने इस मुद्दे पर बिना नाम लिए जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन की इस बात पर कांग्रेस के कुछ सदस्यों से नोंकझोंक हुई। स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि ये लोग मालदा के मामले में चुप लगा जाते हैं ऐसा क्यों हैं?कांग्रेस के एक सदस्य कह रहे थे कि राजनीतिक मुद्दा नहीं है लेकिन उन्होंने महिला सुरक्षा और सम्मान के विषय को भी सांप्रदायिकता से जोड़ दिया जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। स्मृति ईरानी के बयान के दौरान ही कांग्रेस के टी एन प्रतापन एवं कुछ सदस्य विरोध करते हुए अपनी सीट से उठकर आसन की ओर बढ़ने लगे । ईरानी ने कहा कि उन्हें इस सदन का सदस्य होने के नाते अपनी बात रखने का अधिकार है। वह कांग्रेस सदस्यों से यह भी कहते सुनी गयीं कि वे उन पर चिल्ला नहीं सकते। इस बीच स्मृति ईरानी भी अपनी सीट से बाहर निकलकर आई। एनसीपी की सुप्रिया सुले एवं कुछ अन्य सदस्यों को उत्तेजित कांग्रेस के सदस्यों को बैठाने का प्रयास किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि गंभीर टिप्पणी का जवाब गंभीर टिप्पणी से दिया जा सकता है, लेकिन सदस्य आसन की ओर नहीं बढ़ सकते और सहयोग से ही कार्यवाही चलनी चाहिए तथा सदन की गरिमा बनाये रखनी चाहिए।

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