राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत स्वस्थ भारत खुशहाल भारत थीम पर कार्यक्रम

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National Nutrition Month
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आज समाज डिजिटल, तोशाम:
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा तोशाम द्वारा मंगलवार को राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत स्वस्थ भारत खुशहाल भारत थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शाखा भवन तोशाम में आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन ब्लॉक तोशाम का विशेष सहयोग रहा।

उत्तम पोषण ही स्वस्थ जीवन: डॉ कुलदीप भारद्वाज

शाखा प्रभारी बीके मंजू बहन ने कार्यक्रम में विशेषतौर पर पहुंचे भारद्वाज अस्पताल के संचालक डॉ कुलदीप भारद्वाज, ग्रामीण आजीविका मिशन की ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजर मंजू आदि का स्वागत किया। बीके मीना बहन ने मंच का संचालन किया।इस मौके पर डॉ कुलदीप भारद्वाज ने कहा है कि उत्तम पोषण ही स्वस्थ जीवन का आधार है। विकासशील राष्ट्रों में कुपोषण की समस्या गंभीर है। इसका कारण शरीर को आवश्यक मात्रा में संतुलित आहार प्राप्त न होना है।
उन्होंने कहा कि कुपोषण का कारण शरीर को आवश्यक मात्रा में संतुलित आहार प्राप्त न होना है। कुपोषण के कारण बच्चों और महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। जिससे वे आसानी से कई तरह की बीमारियों के शिकार बन जाते हैं।

सुख शांति व खुशहाल जीवन के लिए सकारात्मक सोच

उन्होंने कहा कि अपने आहार के प्रति जागरूकता एवं थोड़ी सी सावधानी कुपोषण के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है। इस मौके पर वीरेंद्र संडवा ने शरीर और मन को स्वस्थ रखने में राजयोग मेडिटेशन को सीखने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सुख शांति व खुशहाल जीवन के लिए सकारात्मक सोच के साथ जीवन व्यतीत करें। सकारात्मक सोच के साथ अपने कर्म करते जाना चाहिए। हमेशा अच्छा सोचना चाहिए, अच्छा बोलना चाहिए, अच्छा करना चाहिए। यह जीवन सुख शांति की अनुभूति का है। इसके लिए अच्छे कर्म करने की आदत बनानी चाहिए।

तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखा जाए: बीके कंचन

बीके कंचन बहन ने कहा कि वर्तमान हालातों में डिप्रेशन और मनोरोग में वृद्घि हुई है। मन कमजोर होने से लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं। इसलिए हमें ध्यान रखना है कि तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखा जाए। अपनी क्षमता और इच्छाशक्ति को मजबूत रखने के लिए राजयोग मेडिटेशन बहुत उपयोगी है। राजयोग मेडिटेशन यानि ध्यान के जरिए अपने आत्मबल को बढ़ाना होगा। इसलिए सभी को योग और ध्यान करना चाहिए। इससे निश्चित रूप से जीवन में सकारात्मक परिणाम दिखेंगे। जो काम दवा नहीं कर सकती वह आत्मबल और मनोबल से हो सकता है।

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