- कैंसर जैसी बढ़ती चुनौती के खिलाफ वित्तीय लड़ाई के लिए देश तैयार : कार्तिकेय शर्मा
National News | आज समाज नेटवर्क | नई दिल्ली | सांसद कार्तिकेय शर्मा ने अपने संबोधन में हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल का स्वागत किया और इस बिल के लिए सरकार व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी। हेल्थ सिक्योरिटी व नेशनल सिक्योरिटी दोनों को एक ही पॉलिसी फ्रेम में जोड़ने का कदम अति सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि भारत को यदि 2047 तक एक विकसित राष्ट्र के तौर पर स्थापित होना है तो उससे पहले भारत को एक सुरक्षित राष्ट्र बनना पड़ेगा। वहीं सुरक्षित राष्ट्र बनने से पहले भारत को एक स्वस्थ राष्ट्र बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह बिल मात्र टैक्स क्लेक्शन का माध्यम नहीं है, यह बिल साफ मैसेज दे रहा है कि सरकार हेल्थ को एक एक्सपेंस नहीं बल्कि निवेश मानती है।
हानिकारक पदार्थों पर सैस लगाकर उस रेवेन्यू को पब्लिक हेल्थ में लगाना सरकार का एक सराहनीय कदम है। सैस उन वस्तुओं पर लगाया जा रहा है जिनका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इनमें तंबाकू, पान मसाला और ऐसे पदार्थ शामिल हैं जिनका शरीर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है और जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम ऐसे पदार्थों से रेवेन्यू लेकर स्वास्थ्य संबंधी कार्यों में प्रयोग करते हैं तो वह समाज के लिए काफी लाभकारी है।
भारत में हर साल 14 लाख कैंसर के नए केस आ रहे : शर्मा
इस दौरान सांसद कार्तिकेय शर्मा ने एक अन्य सांसद द्वारा शराब व अन्य उत्पादों पर भी सैस लगाने वाली बात का समर्थन किया। उन्होंने आईसीएमआर के डाटा का उदाहरण देते हुए बताया कि हर साल 14 लाख नए कैंसर केस भारत में आते हैं और 9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत कैंसर से होती है।
एक अन्य स्टडी के बारे में उन्होंने बताया कि 1990 से 2023 तक 26 प्रतिशत केस कैंसर के बढ़े हैं और कैंसर से होने वाली मौतों में 21 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि कैंसर का लगातार बढ़ता हुआ ग्राफ हमें सचेत करता है कि इस दर को कम करने के लिए हमें कड़े कदम उठाने की जरूरत है। इसी कड़ी में सरकार लगातार कार्य कर रही है।
भारत में हर 4 कैंसर पीड़ित में से 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित
आईसीएमआर के अनुसार महिलाओं में 27 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं। हर 4 कैंसर पीड़ित महिला में 1 महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है। सर्वाइकल कैंसर भारत महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। प्रति वर्ष 1 लाख 20 हजार से ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के केस आते हैं और 70 से 77 हजार की इस भयानक बीमारी से मौत होती है। 80 प्रतिशत से ज्यादा केस में आखिरी स्टेज तक बीमारी का पता ही नहीं चलता।
यदि ब्रेस्ट कैंसर व सर्वाइकल में समय रहते स्क्रीनिंग करवाई जाए तो लाखों जानें बचाई जा सकती हैं। हरियाणा में भी सर्वाइकल कैंसर के केस 12 से 14 प्रतिशत तक आते हैं। सैस के माध्यम से हेल्थकेयर, जागरुकता कार्यक्रम व वैक्सीन लगाई जा सकती है, जिसका लाभ आम जनता को मिल सकता है।
प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण: स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 75वें जन्मदिन पर आह्वान किया था कि अगर हमारी मातृशक्ति, माताएं व बहनें स्वस्थ है तो हमारा परिवार स्वस्थ है और यदि परिवार स्वस्थ है तो देश स्वस्थ है। प्रधानमंत्री के स्वस्थ नारी सशक्त अभियान की मूल भावना बेहद स्पष्ट है । उन्होंने कहा कि यह केवल एक नारा नहीं है, बल्कि हाल के वर्षों की अनेक प्रभावशाली सामाजिक और स्वास्थ्य पहलों की प्रेरक शक्ति भी है।
नीति तभी सार्थक, जब प्रभाव जमीन पर दिखे
शर्मा ने कहा कि संसद में बनी नीतियां तभी सफल होती हैं जब वे उन लोगों तक पहुंचें, जिनके लिए वे बनाई गई हैं। सांसदों की जिम्मेदारी है कि दिल्ली से शुरू हुई योजनाएं जिलों, ब्लॉकों और गांवों में वास्तविक परिणाम के रूप में दिखें। उनके लिए नमो शक्ति रथ उसी कड़ी को मजबूत करने का व्यक्तिगत संकल्प है।
अंत में उन्होंने कहा कि यदि नागरिक स्वस्थ नहीं होंगे, तो राष्ट्र सुरक्षित नहीं हो सकता। स्वास्थ्य सुरक्षा ही राष्ट्रीय सुरक्षा का आधार है।
यह विधेयक भारत के अगले चरण की स्क्रीनिंग, रोकथाम और जागरूकता योजनाओं की रीढ़ बनेगा। उन्होंने कहा कि जिन नीतियों का गठन सदन में किया जाता है वह यदि धरातल पर न उतरे तो उन्हें लागू करने का कोई फायदा नहीं। इस सदन के सभी सदस्यों का कर्तव्य बनता है कि हम भी समाज में जाकर देखें कि वह योजनाएं सही तरीके से लागू हो रही हैं या नहीं।
हरियाणा में 20 मोबाइल वैन महिलाओं की कैंसर स्क्रीनिंग कर रही
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में मैनें एक नमो शक्ति रथ के नाम से एक अभियान शुरू किया है। जो एक कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम है। जिसमें 20 मोबाइल वैन गांवों, गली, मोहल्लों तक जाकर हरियाणा की महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच कर रही हैं कि हमारी माताएं, बहनें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से सुरक्षित रहें। ये वैनें दर्जनों ग्राम पंचायतों को कवर कर चुकी हैं और हजारों महिलाओं को समय रहते जांच का लाभ मिला है।
शर्मा ने कहा कि जमीन पर मिला अनुभव अत्यंत प्रेरक रहा है। कई महिलाएं, जिन्होंने जीवन में कभी एक भी स्क्रीनिंग नहीं करवाई थी, अब अपने ही गांव में कुछ ही मिनटों में जांच करवा पा रही हैं। कई मामलों में शुरूआती चरण में ही जोखिमों की पहचान हो चुकी है और भारत की कैंसर-विरोधी लड़ाई की शुरूआत वास्तव में यहीं से होती है।
उन्होंने आगे कहा कि नमो शक्ति रथ सिर्फ एक स्वास्थ्य परियोजना नहीं है। यह वह उदाहरण है कि जब संसद की मंशा और जमीनी क्रियान्वयन साथ आते हैं, तो परिवर्तन कैसे दिखाई देता है। यह विधेयक की उस मूल भावना को पूरा दर्शाता है — जल्दी पहचान, जागरूकता और महिलाओं के स्वास्थ्य में निवेश ही भारत के भविष्य को सुरक्षित कर सकता है।
अंत में उन्होंने कहा कि हेल्थ सिक्योरिटी से नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल एक ऐसा माध्यम है जो ऐसे कार्यक्रमों व अभियानों को गति देगा। संकल्प से सिद्धि का प्रण लेकर सरकार चली है उस दिशा में यह कारगर साबित होगा।
आज तकनीक बदल रही है, दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम शुरू हुआ है जो पूरे देश के कोने-कोने में भारत के प्रत्येक नागरिक को सुविधा प्रदान करता है। उन्होंने सदन में उपस्थित हर नागरिक से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को इस बिल का स्वागत व समर्थन करना चाहिए क्योंकि यह आम जनता के हित में है।