श्रीनगर से रवाना नगर कीर्तन में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संगत के साथ की शिरकत, 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होगा संपन्न
Punjab Breaking News (आज समाज), श्रीनगर/चंडीगढ़ : श्रीनगर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा छठी पातशाही साहिब से श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित विशाल नगर कीर्तन खालसा की जन्मभूमि श्री आनंदपुर साहिब के लिए रवाना हुआ। रवानगी के मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संगत के साथ शिरकत की।
नगर कीर्तन विभिन्न शहरों- जम्मू, पठानकोट, दसूहा, होशियारपुर, माहिलपुर, गढ़शंकर तथा अन्य नगरों से गुजरता हुआ 22 नवंबर को नौवें पातशाह जी द्वारा बसाए पवित्र नगर श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न होगा। नगर कीर्तन 19 नवंबर की रात जम्मू, 20 नवंबर की रात पठानकोट और 21 नवंबर की रात होशियारपुर में पड़ाव डालेगा।
सरबत के भले की अरदास की
नगर कीर्तन में विशेष रूप से शामिल हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, अरविंद केजरीवाल और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरबत के भले की अरदास की। ज्ञात रहे कि इस कीर्तन के साथ रवाना होने वाली संगत की सुविधा के लिए काफिले में एम्बुलेंस, डिजिटल म्यूजियम, लंगर की व्यवस्था तथा अन्य आवश्यक सामान मौजूद रहेगा।
यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक पल : केजरीवाल
इस दौरान उन्होंने कहा कि नौवें सिख गुरु जी के 350वें शहीदी दिवस को मनाना हमारे सभी के लिए ऐतिहासिक पल हैं, जिन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अद्वितीय शहादत दी। उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमें अपने जीवन में इन महान आयोजनों का हिस्सा बनने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि अकाल पुरख ने इस महान कार्य में सेवा निभाने के लिए प्रदेश सरकार पर अपार कृपा की है और सरकार इस नेक कार्य में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
गुरु साहिब के दिखाई मार्ग पर चलने की अपील
मुख्यमंत्री मान और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने लोगों को श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा समूची मानवता को दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस पवित्र अवसर को श्रद्धा-भाव से मनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अरविंद केजरीवाल और भगवंत सिंह मान ने कहा कि गुरु साहिब जी का शांति, मानवता, प्रेम और भाईचारे का विश्वव्यापी संदेश आज के दौर में भी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में पूरी तरह प्रासंगिक है।