A Newborns Died Of Rates Bite In Indore Hospital, (आज समाज), भोपाल: मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक इंदौर स्थित सरकारी महाराजा यशवंतराव अस्पताल (MY Hospital)  में आईसीयू में  चूहों ने जिन दो नवजातों को कुतर दिया था उनमें से एक की मौत हो गई है। मंगलवार सुबह यह मामला सामने आया था। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक अशोक यादव ने घटना की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि दो नवजात शिशुओं की पैर की उंगलियों को चूहों ने काट लिया हैै।

निमोनिया के कारण हुई मौत : अधिकारी

अधिकारियों के मुताबिक कल यानी मंगलवार रात को नवजात शिशु मौत हुई। उन्होंने बताया कि बच्ची की मौत निमोनिया के कारण हुई। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक में शिशुओं पर चूहों के हमले की घटना ने सनसनी फैला दी है। यह अस्पताल जिस सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है।

नर्सिंग अधीक्षक को पद से हटाया, दो नर्सिंग कर्मी सस्पेंड

अस्पताल के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया (Dr. Arvind Ghanghoria) ने बताया कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग अधीक्षक को पद से हटा दिया और दो नर्सिंग कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कीट नियंत्रण और सफाई का काम संभालने वाली कंपनी – द एजाइल कंपनी (The Agile Company) – पर 1 लाख का जुर्माना (fined) और कारण बताओ नोटिस (show cause notice) जारी किया गया है।

जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित

डॉ. घनघोरिया  ने कहा, तीन-चार दिन पहले इंदौर में बहुत तेज़ बारिश हुई थी और अस्पताल के आसपास समेत कई जगहों पर पानी भर गया था। इस दौरान चूहे पाइपों के ज़रिए अंदर घुस गए। उन्होंने कहा, नर्सिंग अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की गई क्योंकि उन्होंने प्रशासन को इस समस्या के बारे में सूचित नहीं किया। अस्पताल के डीन ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति भी बनाई गई है जो एक हफ़्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, कंपनी को अब पूरे अस्पताल में हर 15 दिन के बजाय हर सात दिन में कीट नियंत्रण कार्य करने को कहा गया है।

आसपास पुरानी इमारतें होना भी समस्या का कारण

चिकित्सा अधीक्षक अशोक यादव ने कल बताया था कि अस्पताल पुरानी इमारतों से घिरा हुआ है और इस कारण भी वहां चूहों की समस्या भी है। अधिकारियों ने बताया कि मानसून की बारिश के कारण चूहे अस्पताल में आने लगे हैं। उन्होंने कहा, चूहा पकड़ने वाले भी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। स्थानीय बाजारों में चूहों को पकड़ने वाले गोंद की कमी है। हमने पहले भी दो बार चूहे उन्मूलन कार्यक्रम चलाए हैं और अब  भी हम जल्द एक कीट उन्मूलन कार्यक्रम चलाएंगे।

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