संतान के जीवन में आ रही परेशानियों का होगा अंत, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
Ahoi Ashtami Daan, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल यह व्रत आज यानी की 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती है और अहोई माता की पूजा करती है। इस दिन तारों को अर्घ्य देने की परंपरा भी है।
आज के दिन माताओं को केवल साव घंटे का समय मिलेगा। शाम 5 बजकर 53 मिनट से 7 बजकर 8 मिनट तक का समय पूजा के लिए शुभ है। अहोई अष्टमी पर माता अहोई की पूजा के बाद चंद्रमा दर्शन करने और तारों को अर्घ्य देने की परंपरा है। इस दिन तारों के दर्शन शाम 06:17 पर होंगे। वहीं चंद्र दर्शन रात 11:20 पर होगा।
व्रत को कहा जाता है संतान का रक्षा कवच
अहोई अष्टमी का व्रत माताएं संतान की लंबी आयु, सफलता और समृद्धि के लिए रखती हैं। इस व्रत को संतान का रक्षा कवच कहा जाता है। अहोई अष्टमी पर पूजा पाठ करने के साथ ही दान का भी बड़ा महत्व है। मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर किए गए दान से संतान के जीवन में चल रही परेशानियां या करियर में आने वाली रुकावटे दूर होती हैं। आइये जानते हैं अहोई अष्टमी पर माताओं किन चीजों का दान करना चाहिए।
अहोई अष्टमी पर इन चीजों के दान का महत्व
- अहोई अष्टमी के दिन सफेद रंग की चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप दूध, चीनी, चावल, सफेद मिठाई का दान कर सकती हैं। इन चीजों का दान किसी गरीब या जरूरतमंद में करें। या फिर किसी मंदिर में भी दान कर सकते हैं।
- अहोई अष्टमी के दिन बच्चों में कलम-कॉपी का दान कर सकते हैं।
- गरीबों में अन्न जैसे गेहूं, चावल, दलिया जैसे अनाज का दान कर सकते हैं। इसके साथ ही नए वस्त्र या धन का दान भी कर सकते हैं।
- संतान के सफल जीवन के लिए अहोई अष्टमी पर मौसमी फल या गुड़ आदि का दान करना भी लाभकारी माना जाता है। इन चीजों के दान से कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है।
- पूजा-पाठ के बाद किसी ब्राह्मण को दक्षिणा स्वरूप धन का दान भी जरूर करना चाहिए।