- 15 से ज़्यादा ज़िलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित
Monthly Storm Hits Odisha, (आज समाज), भुवनेश्वर/नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान मोन्था ने ओडिशा में दस्तक दे दी है। इसके प्रभाव से समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। राज्य सरकार से स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। चक्रवात आज बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से होते हुए ओडिशा के गंजम जिले के तट (गोपालपुरा बीच) पर पहुंचा। इसके कारण राज्य के 15 से ज़्यादा ज़िलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
ओडिशा में 6 घंटों तक जारी रहेगा तूफान का प्रभाव
मंगलवार शाम लगभग 7 बजे यह आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के पास पहुंचा था। इस दौरान 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और इसके के कारण बड़े पैमाने पर वहां पेड़ गिर गए व फसलों और मकानों को काफी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के अनुसार ओडिशा में तूफान का प्रभाव अगले 6 घंटों तक जारी रहेगा। सुरक्षा के मद्देनज़र, बचाव दलों ने इन इलाकों से 11,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ODRF) की 30 टीमें और NDRF की 5 टीमें ज़मीन पर तैनात हैं।
इन 8 ज़िलों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश की आशंका
बताया गया है कि तूफान अब ओडिशा के गोपालपुर बीच पर पहुंच गया है। इसके चलते समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं और 90-100 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के कारण राज्य के 8 ज़िलों, गंजम, गजपति, रायगढ़ा, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल, कालाहांडी और नबरंगपुर में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश होने की आशंका है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी (CM Mohan Charan Majhi) ने कहा है कि उनकी सरकार इस तूफ़ान का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी असर
आंध्र प्रदेश और ओडिशा के साथ-साथ इस तूफ़ान का असर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी देखा जा रहा है। यहां 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे (किमी प्रति घंटे) की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं। हालांकि, तूफ़ान धीरे-धीरे कमज़ोर पड़ने लगा है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार, तूफ़ान के आने के बावजूद इसका असर अगले 6 घंटों तक बना रहेगा।
आंध्र प्रदेश : 292 मंडल और 1,712 गांव प्रभावित
आंध्र प्रदेश में 43,000 हेक्टेयर से अधिक फसलें जलमग्न होने के साथ 83,000 से अधिक किसानों को नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार, चक्रवात ने 292 मंडलों और 1,712 गांवों को प्रभावित किया है। मोन्था के कारण हुई भारी बारिश के कारण वेलिगल्लू परियोजना के द्वार खोलने पड़े। इस बीच, कोनासीमा जिले के मकंगुडेम गाँव में तेज़ हवाओं के कारण एक पेड़ एक घर पर गिर गया और घर में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला की उसके नीचे दबकर मौत हो गई। पेड़ उखड़ने की अन्य घटनाओं में दो अन्य लोगों के घायल होने की भी खबर है। एनडीआरएफ की टीमों ने लोगों को बचाया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तक असर
आईएमडी के अनुसार, ओडिशा के मुख्य रूप से प्रभावित चार राज्यों के अलावा, इस चक्रवात का असर केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में भी देखा जा रहा है और इसके चलते अगले 3 दिन तक इन राज्यों में हल्की से भारी बारिश हो सकती है। चक्रवात के चलते हैदराबाद और तेलंगाना में भी मौसम में बदलाव देखा गया है। राज्य के मौसम विभाग ने आज हैदराबाद और कई अन्य जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस तूफान का असर राजस्थान के कई हिस्सों में भी देखा जा रहा है, जिसके चलते कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है।
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