जानें महत्व, भोग और क्या करें अर्पित
Masik Krishna Janmashtami(आज समाज), नई दिल्ली: मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत किया जाता है. इस बार यह शुभ तिथि 11 नवंबर दिन मंगलवार को है। कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व वैदिक ज्योतिष और शास्त्रों में अत्यंत गूढ़ और आध्यात्मिक बताया गया है। अष्टमी तिथि (विशेषत: कृष्ण पक्ष की) अत्यंत शक्तिशाली होती है, इस तिथि में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा और व्रत शुभ मानी जाती है।

मासिक या वार्षिक कृष्ण जन्माष्टमी आत्म-शुद्धि, कर्म-संतुलन और ईश-समर्पण की रात्रि है। इस दिन विधि विधान के साथ व्रत रखकर श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-शांति और हर सुख की प्राप्ति होती है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी शुभ योग

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। मंगलवार को 11 बजे के बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी, जिस हिसाब से इस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

इस दिन सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा कर्क राशि में रहेंगे। साथ ही मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शुभ योग और शुक्ल योग भी बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था, जिस वजह से हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है।

मान्यता है कि इस तिथि को बाल-गोपाल की विधिवत पूजा करने से जीवन में यश, कीर्ति, धन, ऐश्वर्य और संतान सुख की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि

मंगलवार के दिन बाल-गोपाल की विधि-विधान से पूजा और व्रत रखने के लिए जातक समय अनुसार नित्य कर्म, स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें।

घर के मंदिर में एक चौकी पर एक थाली में लड्डू गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। दक्षिणावर्ती शंख में पंचामृत भरकर लड्डू गोपाल का अभिषेक करें। लड्डू गोपाल को पीले वस्त्र पहनाएं और पीले फूलों से उनका शृंगार करें।

लड्डू गोपाल का भोग

मंत्रों और स्तोत्रों का जाप करते हुए लड्डू गोपाल का आह्वान करें। ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। उन्हें तुलसी की माला, खीर, माखन (मक्खन), मिश्री और फल जैसी उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित करें। अंत में लड्डू गोपाल के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करके पूजा संपन्न करें।

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा के दौरान भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जो परिवार के सदस्यों को बुरी नजर और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊजार्ओं से बचाती है।

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