- दिल्ली में युमना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा
Today Monsoon Update, (आज समाज), नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड से गुजरात तक इन दिनों मानसूनी बरसात ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा रखी हैं। हिमाचल में 30 जून रात के बाद से बादल फटने व भारी नुकसान का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड में भी भारी बारिश व भूस्खलन के कारण 60 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी तेज बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर रहा है और यातायात बाधित हो रहा है।
गुजरात के नवसारी, सूरत, और छोटा उदेपुर में बाढ़ जैसी स्थिति
गुजरात के नवसारी, सूरत, और छोटा उदेपुर में तेज बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में तेज बारिश हो रही है, जिससे निचली बस्तियों में जलभराव हो गया है। दूसरी तरफ उत्तर भारत के पहाड़ों में लागातार हो रही बारिश के चलते देश की राजधानी दिल्ली के बीचोंबीच बहने वाली युमना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
मंडी और चम्बा जिले में फटा बादल
हिमाचल प्रदेश में शनिवार को फिर दो जगह बादल फटा और इन घटनाओं में पांच छोटे-बड़े पुल बह गए। एक घटना पहले ही कई जगह बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान झेल रहे मंडी जिले की चौहार घाटी के कोरतंग इलाके की है। बादल फटने से यहां नाले में बाढ़ आई गई और इससे एक वाहन व तीन पैदल पुल बह गए। घटना में काई जानी नुकसान नहीं हुआ। दूसरी घटना चंबा जिले के चुराह की है। यहां भी बादल फटने से नाले में आई बाढ़ के कारण पुल बह गया। चंबा में ही कंघेला नाले पर बना पुल भी बह गया।
हिमाचल : अब तक 74 लोगों की मौत, 31 लापता
रिपोर्ट्स में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से बताया गया कि पिछले दो हफ्तों में हिमाचल में भारी बारिश और आंधी के कारण बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं, जिसमें अब तक 74 लोगों की मौत हो चुकी है और 31 लोग अभी भी बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण लापता हैं। बता दें कि इस बार राज्य में मानसून ने समय से पहले दस्तक दे दी है और शुरू से मानसूनी बारिश कहर बरपा रही है। 20 जून को हिमाचल में मानसून की एंट्री हुई थी।
हिमाचल में अब तक 566.87 करोड़ का नुकसान
हिमाचल राजस्व विभाग के आपदा प्रबंधन सेल के अनुसार प्रदेश में 5 जुलाई तक नुकसान का आंकड़ा 566.87 करोड़ तक पहुंच गया है। चार जुलाई को यह 541.09 करोड़ था। अधिकारियों के मुताबिक मंडी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। जिले में सबसे ज्यादा 14 लोगों की मौत हुई और यहां 31 लोग अब भी लापता हैं। मंडी के साथ और प्रदेश में और कई जगह सैकड़ों मकान, सड़कें और पुल तबाह हो गए हैं और हजारों लोग भोजन, पानी और संचार के अभाव में जीने को मजबूर हैं। ऊना में स्वां नदी उफान पर है और आसपास के घरों में रविवार को पानी घुस गया।
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