IVF और Fertility Preservation को लेकर गलत जानकारी ठीक नही
IVF और Fertility Preservation को लेकर गलत जानकारी ठीक नही
बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. सुकृति शर्मा ने किया प्रजनन क्षमता संरक्षण से जुड़े आम मिथकों का खंडन
IVF, (आज समाज), नई दिल्ली: चंडीगढ़: आईवीएफ और फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन को लेकर कई बार गलत जानकारी फैल जाती है, जो नुकसानदायक हो सकती है। इससे लोग भ्रमित हो जाते हैं, इलाज में देरी होती है या बेवजह डर पैदा हो जाता है। आईवीएफ क्या है और क्या नहीं, इसे लेकर कई मिथ हैं, जिन्हें समझना और तोड़ना ज़रूरी है।
यह एक बहुत ही आम लेकिन पूरी तरह से गलत धारणा है। आईवीएफ से पैदा हुए बच्चे उतने ही स्वस्थ और सामान्य होते हैं जितने कि प्राकृतिक रूप से जन्मे बच्चे। उनकी ग्रोथ, विकास और जीवन किसी भी तरह से अलग नहीं होता। आईवीएफ केवल गर्भधारण की एक तकनीक है, जो बच्चे की जेनेटिक्स को बिल्कुल भी नहीं बदलती।
हालांकि आईवीएफ बड़ी उम्र (30 के बाद) की महिलाओं के लिए मददगार हो सकता है, लेकिन यह केवल उम्र-विशेष की प्रक्रिया नहीं है। इनफर्टिलिटी एक मेडिकल स्थिति है और युवा जोड़ों को भी इसका सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई मेडिकल कारण है, तो आईवीएफ की सलाह 20 या 30 की उम्र में भी दी जा सकती है।
यह एक बहुत बड़ा मिथ है। लोग सोचते हैं कि वे जीवन में देर से भी फर्टाइल रहेंगे, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। महिलाओं की फर्टिलिटी उम्र के साथ घटती जाती है। एक महिला के पास जन्म के समय लगभग 20 लाख एग होते हैं, लेकिन 35 की उम्र तक वह संख्या बहुत कम रह जाती है। रिसर्च बताती है कि 35 के बाद पुरुषों के स्पर्म की गुणवत्ता भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
यह सोच गलत है कि अगर आप फर्टिलिटी क्लिनिक गए तो आपको आईवीएफ कराना ही पड़ेगा। आप फर्टिलिटी अससेसमेंट, प्रिजर्वेशन या सिर्फ सामान्य जांच के लिए भी क्लिनिक जा सकते हैं। एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट आपकी पूरी जांच करके जरूरी सलाह देंगे। आईवीएफ की सलाह सिर्फ उन्हीं मामलों में दी जाती है जहां इसकी जरूरत हो।
यह सबसे बड़ी गलतफहमियों में से एक है। आईवीएफ से गर्भधारण की संभावना ज़रूर बढ़ती है, लेकिन यह कभी भी 100% गारंटी नहीं देता। एग और स्पर्म की गुणवत्ता, गर्भाशय की स्थिति और पूरे मेडिकल इतिहास जैसे कई फैक्टर आईवीएफ की सफलता को प्रभावित करते हैं। यहां तक कि सबसे सही परिस्थितियों में भी सफलता की दर अलग-अलग हो सकती है।
आईवीएफ और फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के बारे में सही जानकारी रखना बहुत जरूरी है, ताकि दम्पति सोच-समझकर और आत्मविश्वास से फैसला ले सकें। फर्टिलिटी केयर विज्ञान, सही समय, संवेदनशीलता और स्पष्टता का मेल है।
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