मां कूष्मांडा की पूजा करने से संकटों से मिलती है मुक्ति
Shardiya Navratri, (आज समाज), नई दिल्ली: आज दिन शुक्रवार 26 सितंबर को शारदीय नवरात्र का चौथा दिन है। इस शुभ अवसर पर मां कूष्मांडा की पूजा की जाएगी। साथ ही उनके निमित्त नवरात्र के चौथे दिन का व्रत भी रखा जाएगा। देवी मां कूष्मांडा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र के चौथे दिन दुर्लभ शिववास योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां कूष्मांडा की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा। आइए, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में जानते हैं।

शुभ मुहूर्त

शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि 26 सितंबर को सुबह 09 बजकर 32 मिनट तक है। इसके बाद पंचमी तिथि है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर मां कूष्मांडा की पूजा कर सकते हैं। इसके बाद आर्थिक स्थिति अनुसार दान-पुण्य कर सकते हैं।

सुख और सौभाग्य में होगी वृद्धि

शिववास योग ज्योतिषियों की मानें तो शारदीय नवरात्र के चौथे दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। शिववास योग का संयोग सुबह 09 बजकर 32 मिनट से है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी संयोग बन रहा है। भद्रावास योग सुबह 09 बजकर 32 मिनट तक है। इन योग में देवी मां कूष्मांडा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

पूजा विधि

शारदीय नवरात्र के चौथे दिन सूर्योदय से पहले उठें। इसके बाद घर की साफ-सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें। नित्य कामों से निवृत्त होने के बाद स्नान-ध्यान करें। सुविधा होने पर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इश समय आचमन कर व्रत संकल्प लें। अब हरे रंग के कपड़े पहनें। आप लाल या पीले रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं। अब पंचोपचार कर विधि-विधान से मां कूष्मांडा की पूजा करें। पूजा के समय चालीसा और स्तोत्र का पाठ और मंत्र का जप करें। पूजा का समापन आरती से करें।

ये भी पढ़ें : संतान सुख से हैं वंचित है तो इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा