Meitei Outfit Member Arambai Tengol Arrested, (आज समाज), इंफाल: मैतेई संगठन के एक नेता और चार अन्य की गिरफ्तारी के विरोध में मणिपुर में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर कथित तौर पर गोलीबारी करने के आरोप में संगठन के एक सदस्य अरम्बाई तेंगोल को गिरफ्तार किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इम्फाल में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने के आरोप में 19 अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
सड़क अवरोध हटा रहे थे पुलिसकर्मी
अधिकारी ने बताया कि अरमबाई टेंगोल के प्रदर्शनकारियों ने 9 जून को सुरक्षा बलों पर उस समय हमला किया जब वे इंफाल पश्चिम जिले के तेरा सपाम में सड़क अवरोध को हटाने का प्रयास कर रहे थे। अधिकारी ने कहा, प्रदर्शनकारियों में से एक ने वहां मौजूद सैनिकों पर गोलियां चलाईं और मौके से भाग गया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इम्फाल पूर्वी जिले में सड़क हिंसा में शामिल होने के लिए 19 लोगों को हिरासत में लिया है।
कई तरह का हुड़दंग करते पाए गए प्रदर्शनकारी
हमलावर राज उर्फ बोइनाओ पंगेइजम, अरमबाई टेंगोल का कार्यकर्ता है और उसे मणिपुर पुलिस ने हथियार के साथ गिरफ्तार किया है। उसे मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया और आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।अधिकारी ने कहा, प्रदर्शनकारी सड़कों को अवरुद्ध करते, यात्रियों को परेशान करते और सार्वजनिक अशांति पैदा करते पाए गए। उन्होंने बताया कि ज्यादातर प्रदर्शकारी नशे की हालत में थे और उनके कृत्यों ने कानून का पालन करने वाले नागरिकों को असुविधा पहुंचाई व सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किया।
कई जिलों में सुरक्षा बलों के साथ झड़प
प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और गिरफ्तार किए गए अरामबाई टेंगोल नेता कानन सिंह और चार अन्य की बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए इम्फाल घाटी के कई जिलों में सुरक्षा बलों के साथ झड़प की। पुलिस ने सभी से, खासकर युवाओं से, गैरकानूनी और असामाजिक गतिविधियों में शामिल न होने का आग्रह किया है। अधिकारियों ने कहा है कि तरह के व्यवहार में शामिल होने से कानूनी परिणाम हो सकते हैं जो किसी के भविष्य और करियर की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
जातीय हिंसा के कारण हजारों लोग बेघर, 260 मौतें
मई-2023 से अब तक मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। राज्य विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है।
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