कलम, दवात और बही-खातों की पूजा की जाती है
Chitragupta Puja, (आज समजा), नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा कार्तिक शुक्ल द्वितीया यानी भाई दूज के दिन मनाई जाती है। यमराज के सहायक होने के साथ-साथ भगवान चित्रगुप्त सभी जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा भी रखते हैं। मान्यता है कि चित्रगुप्त पूजा से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और ज्ञान व बुद्धि प्राप्त होती है। यह पूजा मुख्य रूप से कायस्थ समाज के लोगों द्वारा की जाती है। इस दिन पर कलम, दवात और बही-खातों की पूजा की जाती है, जिसे मस्याधार पूजा भी कहते हैं। चलिए पढ़ते हैं चित्रगुप्त पूजा की सामग्री लिस्ट। ताकि आपकी पूजा में किसी तरह की बाधा न आए।

चित्रगुप्त पूजा सामग्री

भगवान चित्रगुप्त की तस्वीर या मूर्ति, सफेद कागज, कलम, दवात खाताबही, पीले वस्त्र, अक्षत, फूल, माला, चंदन, कपूर, तुलसी के पत्ते, गंगाजल, फल, मिठाई, पान, हल्दी, सुपारी, तिल और पीली सरसों।

कैसे करें पूजा

चित्रगुप्त पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद पूजास्थल की अच्छे से साफ-सफाई कर लें और गंगाजल का छिड़काव करें। परिवार के लोग एकसाथ मिलकर पूजा करें और एक वेदी पर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति या फिर तस्वीर स्थापित करें। चित्रगुप्त जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और पंचामृत अर्पित करें।

इसके साथ पूजा में हल्दी, चंदन, फूल के साथ-साथ भोग के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें। एक साथ सफेद कागज पर रोली से स्वस्तिक बनाएं। अब इस पन्ने पर पांच देवी-देवतावों के नाम जैसे – श्री गणेश जी सहाय नम:, श्री चित्रगुप्त जी सहाय नम:, श्री सर्वदेवता सहाय नम: आदि लिखें। इसके बाद चित्रगुप्त जी की कथा का पाठ करें और आरती करें। सभी लोगों में पूजा का प्रसाद बांटें।

इन मंत्रों का करें जाप

1. श्री चित्रगुप्त जी सहाय नम:

2. नमस्तेस्तु चित्रगुप्ते, यमपुरी सुरपूजिते
लेखनी-मसिपात्र, हस्ते, चित्रगुप्त नमोस्तुते

3. मसीभाजन संयुक्तश्चरसि त्वम्! महीतले
लेखनी कटिनीहस्त चित्रगुप्त नमोस्तुते
चित्रगुप्त ! मस्तुभ्यं लेखकाक्षरदायकं
कायस्थजातिमासाद्य चित्रगुप्त ! नामोअस्तुते।