टच टाइपिंग तकनीक का हिस्सा हैं यह लाइनें
Keyboard (आज समाज) नई दिल्ली: अगर आप भी कम्प्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं। तो आपने कीबोर्ड पर एफ और जे कीज पर छोटे उभरे निशान या बम्प्स देखे होंगे। हो सकता है इन बम्प्स को आपने नोटिस भी नहीं किया होगा। अगर किया भी होगा तो शायद इनका काम आप नहीं जानते होंगे। काफी लोगों को इस बारे में नहीं पता होता है। ऐसे हम यहां आपको इन मार्क्स का मतलब यहां बताने जा रहे हैं।

बिना नीचे देखे उंगलियों को सही पोजीशन में रखने में करते हैं मदद

ये टैक्टाइल गाइड्स हैं जो यूजर्स को बिना नीचे देखे उंगलियों को सही पोजीशन में रखने में मदद करते हैं। ये निशान टच टाइपिंग तकनीक का हिस्सा हैं, जो विजुअल क्यूज की बजाय मसल मेमोरी पर निर्भर टाइपिंग मेथड है। स्टैंडर्ड QWERTY कीबोर्ड लेआउट में F और J कीज़ लेफ्ट और राइट हैंड की इंडेक्स फिंगर्स के लिए डेजिग्नेटेड पोजीशन्स हैं। बाकी उंगलियां होम रो (लेफ्ट हैंड के लिए A-S-D-F और राइट हैंड के लिए J-K-L-;) पर नैचुरली सेट हो जाती हैं। उभरे बम्प्स टाइपिस्ट्स को सिर्फ टच से होम रो हैंड पोजीशन्स तेजी और सटीकता से ढूंढने में मदद करते हैं। ये टैक्टाइल फीचर टाइपिंग स्पीड, एक्यूरेसी और एफिशिएंसी बेहतर करता है, खासकर प्रोफेशनल टाइपिस्ट्स या बार-बार टाइप करने वालों के लिए।

ये मार्क्स इसलिए हैं वैल्यूबल

  • ये बार-बार देखने की जरूरत को कम करते हैं: यूजर्स को कीबोर्ड देखने की जरूरत नहीं, जिससे वे स्क्रीन पर फोकस रखकर प्रोडक्टिविटी बनाए रख सकते हैं।
  • ये मसल मेमोरी को मजबूत करते हैं: समय के साथ कंसिस्टेंट फिंगर पोजीशनिंग आपके दिमाग और मसल्स को बिना सोचे एफिशिएंट टाइपिंग के लिए ट्रेन करता है।
  • ये पोस्चर और एर्गोनॉमिक्स में मदद करते हैं: सही फिंगर प्लेसमेंट स्ट्रेन और रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजरी की संभावना को कम करता है।