Mokshada Ekadashi: जानें क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी?

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Mokshada Ekadashi: जानें क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी?
Mokshada Ekadashi: जानें क्यों मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी?

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है मोक्षदा एकादशी
Mokshada Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: अगहन महीने में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, इसलिए इसे गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। यह व्रत मोक्ष की प्राप्ति कराता है और लक्ष्मी-नारायण की कृपा दिलाता है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए व्रत रखा जाता है। आइए, इस व्रत के बारे में सबकुछ जानते हैं।

कब मनाई जाती है मोक्षदा एकादशी?

हर साल अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान कृष्ण ने अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसके लिए हर साल अगहन महीने में मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्यक्ति विशेष को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही साधक पर लक्ष्मी नारायण जी की कृपा बरसती है।

कब है मोक्षदा एकादशी?

पंचांग के अनुसार, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 30 नवंबर को रात 09 बजकर 29 मिनट पर होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 01 दिसंबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 01 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।

मोक्षदा एकादशी शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो मोक्षदा एकादशी पर शिववास योग समेत कई दुर्लभ और मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। वहीं, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की मोक्षदा एकादशी का पारण 02 दिसंबर को सुबह 07 बजे से लेकर सुबह 09 बजकर 05 मिनट के मध्य पारण किया जाएगा।

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