पितरों का दूत माना गया है कौवा
Pitru Paksha Upaay, (आज समाज), नई दिल्ली: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौआ श्राद्ध का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। शास्त्रों के अनुसार, कौवा पितरों का दूत माना जाता है। श्राद्ध में जब कौवे को भोजन कराया जाता है, तो माना जाता है कि वह भोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है। इसलिए सनातन परंपरा में पितरों को प्रसन्न करने के लिए कौवे को भोजन कराना आवश्यक माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मनुष्य योनि के बाद मृतात्मा सबसे पहले कौआ योनि में प्रवेश करती है।
यही वजह है कि मृतक की पसंद का भोजन सबसे पहले कौवों को खिलाया जाता है। तभी पितृ पक्ष के दौरान कौवे का होना पितरों के आस पास होने का संकेत माना जाता है लेकिन पितृ पक्ष के दौरान एक दूसरी वजह से भी कौए को भोजन कराना चाहिए।
पितृ पक्ष में श्राद्ध का भोजन कौए को खिलाने का महत्व
पितृ पक्ष में कौए को भोजन जरूर कराया जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कौए को यम का प्रतीक माना जाता है। अगर कौए श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लें तो पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है। इतना ही नहीं कौए को भोजना कराने से यमराज प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, यम देवता ने कौए को वरदान दिया था कि अगर कौए को खिलाया गया भोजना पितरों की आत्मा को शांति देगा। पितृ पक्ष के दौरान कौए को भोजन कराने से कई गुना अधिक लाभ प्राप्त होगा।
पितृ प्रसन्न होते हैं
भादो माह में कौवे प्रसव करते हैं तो ऋषि मुनियों ने इस वक्त उनके लिए भोजन अपनी छतों पर रखने की व्यवस्था करने के लिए कहा ताकि भोजन के लिए उन्हें इधर-उधर न भटकना पड़े। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान उन्हें भोजन कराने से दोगुना लाभ मिलता है।
शनि देव भी होते है प्रसन्न
वैदिक ज्योतिष कौवों को भोजन कराना एक पवित्र अनुष्ठान मानता है, जो पूर्वजों का सम्मान करता है और शनि देव को प्रसन्न करता है । ऐसा माना जाता है कि यह अभ्यास शनि के कठोर प्रभावों को कम करता है, खासकर चुनौतीपूर्ण ज्योतिषीय अवधियों के दौरान। ऐसा माना जाता है कि यह पूर्वजों को शांति प्रदान करता है, कर्म असंतुलन को दूर करता है और अंतर्ज्ञान को बढ़ाता है।
कौओं को भोजन कराने के ज्योतिषीय लाभ
- पितृ दोष से मुक्ति: कौवे को पितरों का प्रतीक माना जाता है। कौओं को भोजन कराने से पितरों की आत्माओं को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त होती है।
- शनि ग्रह को शांत करना: कौओं को भोजन कराना शनि ग्रह के कठोर प्रभावों को कम करने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यह शनि की साढ़ेसाती और अन्य दशाओं के दौरान विशेष रूप से फलदायी होता है।
- कर्ज और आर्थिक बाधाओं से राहत: नियमित रूप से कौओं को अन्न या रोटी खिलाने से जीवन में आने वाले आर्थिक संकट दूर होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- ग्रह दोषों का प्रभाव कम होना: कौओं को भोजन कराने से शनि के साथ-साथ राहु जैसे ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
- सौभाग्य और सुख-शांति में वृद्धि: कौओं को खाना खिलाना एक शुभ कर्म माना गया है। इस नेक कार्य से घर में सुख-शांति आती है और व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि होती है।
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