नोट करें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
Rama Ekadashi, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। इस माह को भगवान विष्णु को समर्पित किया गया है। यही वो पवित्र महीना है जब देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु क्षीर सागर में अपने योगनिद्रा से जागृत होकर फिर से जगत का पालन करते हैं। लेकिन इस एकादशी से पहले रमा एकादशी आती जिसका सनातन धर्म विशेष महत्व है। इस तिथि पर भगवान विष्णु की भक्ति भाव से आराधना की जाती है और विष्णु जी की पूजा के साथ ही देवी मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
जिससे भक्त एक साथ दोनों की कृपा पाते हैं। जीवन में हर एक भौतिक सुखों की प्राप्ति से लेकर जीवन के बात मोक्ष की प्राप्ति के लिए रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। आइए, रमा एकादशी की सही डेट के साथ ही सही शुभ मुहूर्त और एकादशी के कुछ प्रभावशाली मंत्र जान लें।
रमा एकादशी पर पूजा करने से अश्वमेघ यज्ञ जितना मिलता है फल
हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि पर रमा एकादशी व्रत रखा जाएगा। जो भी भक्त रमा एकादशी व्रत का संकल्प कर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करते हैं उनको अश्वमेघ यज्ञ करने जितना फल की प्राप्ति होती है।
रमा एकादशी कब है
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण एकादशी तिथि 16 अक्टूबर को सुबह 10:35 बजे शुरू हो रही है और 17 अक्टूबर को सुबह के 11:12 मिनट पर तिथि का समापन हो जाएगा। इस तरह उदयातिथि में 17 अक्टूबर को रमा एकादशी व्रत मनाया जाएगा। 18 अक्टूबर को व्रत पारण का समय 06:24 एएम से लेकर 08:41 एएम तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त:11:49 एएम से लेकर 12:35 पीएम तक।
- अमृत काल: 11:25 एएम से लेकर 01:06 पीएम तक।
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:52 एएम से लेकर 05:40 एएम तक।
एकादशी तिथि पर जपें ये मंत्र
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
- ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
- ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।। - ॐ विष्णवे नम: