नरक चौदस के रूप में मनाई जाती है छोटी दिवाली
Choti Diwali, (आज समाज), नई दिल्ली: दिवाली को हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। पांच दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरूआत धनतेरस से होती है और भाई दूज के साथ ये खत्म होता है। दिवाली कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। दीवाली से एक दिन पहले छोटी दीवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन को नरक चौदस, रूप चौदस या काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
यम के नाम का दीपक जलाने का भी विधान
कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दीवाली के एक दिन पहले होने की वजह से इसे छोटी दीवाली कहा जाता है। इस बार रविवार, 19 अक्टूबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन लोग अकाल मृत्यु से मुक्ति पाने के लिए यम के नाम का दीपक जलाते हैं। आज के दिन हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
छोटी दिवाली शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 19 अक्टूबर 2025, रविवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर अगले दिन 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन अभ्यंग स्नान का शुभ समय सुबह 4 बजकर 56 मिनट से लेकर 6 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
वहीं, 19 अक्टूबर की रात को 11 बजकर 41 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 31 मिनट तक दीपदान के लिए शुभ मुहूर्त है। इस दिन दीपदान करने से व्यक्ति को नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है।श्
छोटी दिवाली पूजा विधि
छोटी दिवाली के दिन सूर्योदय के समय तिल का तेल लगा कर स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्ण की कृपा मिलती है। इस दिन हनुमान जी के साथ ही यम देवता की पूजा अर्चना भी की जाती है। सुबह स्नान करने के बाद चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें।
इसके बाद उसपर हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना करें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान को हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करें, आरती करें। इसके बाद रात के समय में घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके यम देवता के नाम से एक दीपक जलाएं।
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