सितंबर के आखरी सप्ताह में दलहन, तिलहन और धान की अगेती फसल की होती है कटाई
Crops Harvesting, (आज समाज), नई दिल्ली: सितंबर का आखिरी सप्ताह खेती-बाड़ी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। आपको बता दें कि इन दिनों कुछ खरीफ फसलों को खास मैनेजमेंट की जरूरत होती है तो वहीं कुछ फसलें ऐसी भी होती हैं जिनकी कटाई का समय भी नजदीक आ जाता है।
इस खबर में आपको उन फसवों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी कटाई सिंतबर के आखिर में या अक्तूबर की शुरूआत में शुरू हो जाती है। इसके अलावा ये भी जान लेते हैं कि फसलों की कटाई के समय किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इन फसलों की होती हें कटाई
आपको बता दें कि सितंबर के आखिरी हफ्ते में कई फसलें काटी जाती हैं, इनमें दलहन और तिलहन फसलें खास हैं। इसके अलावा धान की अगेती किस्में भी सितंबर के अंत में काटी जाने लगती हैं। दलहनी फसलों की बात करें तो इसमें सोयाबीन, उड़द, मूंग, ज्वार, बाजरा और मक्का शामिल हैं।
इन फसलों को तैयार होने में 90-100 दिन का समय लगता है। जून के आखिरी से लेकर शुरूआती जुलाई में उगाई जाने वाली ये फसलें सितंबर के आखिरी में कटाई के लिए तैयार होने लगती हैं।
किसानों को नहीं होगा नुकसान
अधिकांश लोग खेती में नए-नए जुड़े हैं इसलिए बुवाई, फसल मैनेजमेंट और कटाई के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है। इस खबर में जान लेते हैं कि फसलों की कटाई के लिए किन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि किसानों को किसी तरह का नुकसान ना हो।
कटाई का सही समय जानना जरूरी
- पौधे की पत्तियों से सही समय का अंदाजा लगा सकते हैं।
- अगर पत्तियां पीली पड़कर सूखने लगें तो समझें फसल तैयार है।
- पूरी तरह सूखने से पहले कटाई करना जरूरी है।
- पूरी तरह सूखने पर बालियां चटक जाती हैं और दाने खेत में ही झड़ सकते हैं।
- पता लगाने के लिए पौधे से कोई फल तोड़कर दाने चेक करें।
- अगर दाने परिपक्व समझ आएं तो समझ लें कि पौधे कटाई के लिए तैयार हैं।
इन बातों का भी रखें ध्यान
इन बातों का ध्यान रखने पर आप सही समय पर फसलों की कटाई कर पाएंगे। फसलों को काटने के बाद कम से कम एक दिन खेत में ही छोड़ दें, इसके अलावा अगर बारिश की आशंका है तो फसलों को सुरक्षित करने की तैयारी भी पहले से ही करनी चाहिए। इन तमाम बातों का ध्यान रखने के बाद किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा और वे अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकेंगे।