अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है बप्पा का विसर्जन
Ganesh Visarjan Niyam, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म में अनंत चतुर्दशी के पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश जी का विसर्जन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने का विधान हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सुबह स्नान कर पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और बिगड़े काम पूरे होते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

इसी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि घर पर गणेश विसर्जन के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप भी घर पर गणेश विसर्जन कर रहे हैं, तो ऐसे में चलिए जानते हैं गणेश विसर्जन से जुड़े नियम के बारे में।

शुभ मुहूर्त:

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार अनंत चतुर्दशी का पर्व 06 सितंबर को मनाया जाएगा। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरूआत 06 सितंबर को देर रात 03 बजकर 12 मिनट पर होगी। भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि का समापन 07 सितंबर को देर रात 01 बजकर 41 मिनट

  • प्रात: मुहूर्त- 07 बजकर 36 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक
  • अपराह्न मुहूर्त- 12 बजकर 19 पी एम से 05 बजकर 02 मिनट तक
  • संध्या मुहूर्त- 06 बजकर 37 मिनट से 08 बजकर 02 मिनट तक
  • रात्रि मुहूर्त- 07 सितंबर को 09 बजकर 28 मिनट 01 बजकर 45 मिनट तक
  • उषाकाल मुहूर्त- 07 सितंबर को 04 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

गणेश विसर्जन के नियम

  • गणेश विसर्जन के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करें।
  • देसी घी दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जप करें।
  • फल और मोदक का भोग लगाएं। प्रभु से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
  • इसके बाद टप में जल भरें और गंगाजल और फूल डालें।
  • अब गणपति बप्पा से जाने-अनजाने में हुई गलती क्षमा-याचना मांगे।
  • इसके बाद गणपति बप्पा को विसर्जित करें।
  • प्रभु से अगले साल जल्द आने की कामना करें।
  • गणेश विसर्जन के समय काले रंग के कपड़ें धारण न करें।
  • गणेश विसर्जन की मिट्टी और जल को पेड़-पौधें डाल दें।
  • किसी से वाद-विवाद न करें
  • किसी के बारे में गलत न सोचें।

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