हरी घास, गुड़, रोटी, फल और अनाज अर्पित करना लाभकारी
(आज समाज), नई दिल्ली: गोपाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो गौ माता की पूजा और उनकी सेवा के लिए समर्पित होता है। यह पर्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्व रखता है जो अपने जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली चाहते हैं। गोपाष्टमी का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें करुणा, सहानुभूति और प्राणी प्रेम की सीख भी देता है।
इस दिन गाय माता को साफ और स्वादिष्ट भोजन देना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से न केवल पुण्य प्राप्त होता है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त
हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है और इसे संपन्नता, धर्म और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इस दिन गाय को प्यार और सम्मान के साथ भोजन देना बहुत जरूरी माना गया है। गाय माता को उचित भोग देने से न केवल घर में शांति और खुशहाली आती है, बल्कि रुके हुए काम भी समय से पूरे होने लगते हैं। इसके साथ ही, परिवार में स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति में सुधार देखा जाता है।
गो माता को क्या खिलाएं
- हरी घास या ताजा चारा: यह गाय के लिए सबसे प्राकृतिक और लाभकारी भोजन है।
- गुड़ और रोटी: हल्का मीठा और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन।
- फल: केला, सेब और अन्य मीठे फल।
- अनाज: चना, गेहूं और अन्य साबुत अनाज।
इन चीजों को खाने से गाय स्वस्थ रहती है और इसे खिलाने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है। ध्यान रहे कि भोग हमेशा ताजा और स्वच्छ हो।
भोग चढ़ाने की विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और अपने शरीर को शुद्ध करें।
- गाय को साफ पानी से पोंछकर साफ करें।
- उनके माथे पर हल्की रोली या चंदन लगाएं और फूल चढ़ाएं।
- धीरे-धीरे और प्रेमपूर्वक भोग दें, उन्हें जबरदस्ती कुछ न खिलाएं।
- भोग के बाद आरती करें और गाय के चारों ओर एक बार घूमकर प्रणाम करें।
- इस प्रकार भोग देने से न केवल धार्मिक भावना पूरी होती है, बल्कि घर में सकारात्मक वातावरण भी बनता है।
गोपाष्टमी पर गाय माता की सेवा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं
- घर में शांति और सुख की स्थिति बनी रहती है।
- आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है।
- रुके हुए कार्य समय पर पूरे होते हैं।
- परिवार में स्वास्थ्य और खुशहाली बनी रहती है।
- मन में करुणा, भक्ति और दया की भावना बढ़ती है।
गौशाला में दान का महत्व
गोपाष्टमी पर केवल घर में गाय को भोजन देना ही नहीं, बल्कि गौशालाओं में चारा या धन दान करना भी अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा दान करने से समाज में सेवा की भावना फैलती है और व्यक्तिगत जीवन में भी सुख और समृद्धि आती है।
क्या नहीं खिलाना चाहिए
- प्लास्टिक या किसी भी प्रकार का कचरा।
- बचा हुआ मसालेदार या तला हुआ भोजन।
- फफूंदी लगी चीजें।
- खराब या गंधी हुई चीजें।
- इनसे गाय को हानि पहुंच सकती है और पुण्य कर्म का प्रभाव कम हो जाता है।
शुभ मुहूर्त
इस वर्ष गोपाष्टमी का शुभ मुहूर्त सुबह 06:35 बजे से 07:57 बजे तक है। इस समय पर पूजा और भोग देना अधिक फलदायी माना जाता है।
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