गरुण पुराण में किया गया है वर्णन
Loans, (आज समाज), नई दिल्ली: गरुण पुराण को 18 महापुराणों में शामिल किया गया है. गरुण पुराण हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथ है। गरुण पुराण में मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा का वर्णन हैं। गरुण में जीवन , मृत्यु और कर्मों के परिणाम वर्णित है। गरुण पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को उसके अच्छे और बुरे कर्मों का फल अवश्य मिलता है। गरुण पुराण ये सीख देता है कि ईमानदारी और सदाचार से जीवन आगे बढ़ाना चाहिए।

गरुण पुराण के अनुसार, व्यक्ति की छोटी सी भी गलती उसके जीवन को बड़े तौर पर प्रभावित कर सकती है, इसलिए व्यक्ति को हर काम सोचकर और जिम्मेदारी से करना चाहिए। गरुण पुराण में बताया गया है कि कर्ज न लौटाने और दूसरों का यकीन तोड़ने वालों की आत्मा मृत्यु के बाद क्या कष्ट भोगती है? आइए गरुण पुराण के अनुसार, जानते हैं कि ऐसे लोगों की आत्मा के साथ क्या किया जाता है?

मृत्यु के बाद भारी कष्ट भोगती है आत्मा

व्यक्ति आवश्यकता पड़ने पर ऋण लेता है। आवश्यकता पड़ने पर ऋण लेने में कोई बुराई भी नहीं है, लेकिन ऋण अवश्य चुका देना चाहिए। क्योंकि गरुण पुराण के अनुसार, ऋण न चुकाने को पाप की श्रेणी में रखा गया है। ये पैसों का मामला तो है ही साथ में भरोसे का मामला भी है। जो व्यक्ति जानबूझकर दूसरों का दिया पैसा यानी ऋण नहीं लौटाता उसकी आत्मा मृत्यु के बाद भारी कष्ट भोगती है।

वैतरणी नदी से गुजरना होता है

गरुड़ पुराण के अनुसार, ऋण न चुका पाने वाले की आत्मा मृत्यु के बाद नर्क की ओर जाती है और उसे वैतरणी नदी से गुजरना होता है। इस नदी में जहरीले जीव, कीचड़, गर्म रक्त और असहनीय पीड़ा देने वाली धाराएं होती हैं। यहां आत्मा अपने बुरे कर्मों के फल भोगती है।

कर्ज लौटाने में धोखा देने वालों के अलावा अन्य पापियों की आत्माएं भी इस नदी से गुजरती हैं। इन्हीं पापी आत्माओं में दूसरों का यकीन तोड़ने वालों की भी आत्माएं होती हैं। ये ऐसे लोग होते हैं, जो सामने से प्यार दिखाते हैं, लेकिन इनके भीतर छल भरा होता है। ऐसे लोगों की आत्मा भी अपने बुरे कर्र्मों का फल भोगती है।

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