Vrishchik Sankranti: जानें वृश्चिक संक्रांति पर आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा

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Vrishchik Sankranti: जानें वृश्चिक संक्रांति पर आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा
Vrishchik Sankranti: जानें वृश्चिक संक्रांति पर आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा

सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में करते हैं प्रवेश
Vrishchik Sankranti, (आज समाज), नई दिल्ली: हिंदू धर्म में संक्रांति को एक महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। जब सूर्यदेव एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस काल को संक्रांति कहते हैं। साल 2025 में, 16 नवंबर, रविवार को वृश्चिक संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन, ग्रहों के राजा सूर्य, तुला राशि से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक में प्रवेश करेंगे।

सूर्य इस राशि में लगभग एक महीने तक रहेंगे, और इस दौरान सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। आइए, जानते हैं आपकी राशि पर वृश्चिक संक्रांति का क्या असर होगा और शुभ फलों को बढ़ाने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं।

  • मेष राशि: सूर्य आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके स्वास्थ्य के लिए संवेदनशील हो सकती है। अचानक लाभ या हानि होने की संभावना है। गुप्त रहस्यों पर काम करने या रिसर्च में सफलता मिलेगी।
  • शुभ फल: रिसर्च और आध्यात्मिक विषयों में रुचि बढ़ेगी।
  • वृषभ: सूर्य आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे, जो साझेदारी और वैवाहिक जीवन का भाव है। आपके निजी और व्यावसायिक संबंधों पर इसका सीधा असर होगा। अहंकार के कारण जीवनसाथी से तनाव हो सकता है।
  • शुभ फल: साझेदारी के कामों में ध्यान देने से लाभ होगा। नए व्यावसायिक संबंध बन सकते हैं।
  • मिथुन: सूर्य आपके छठे भाव में प्रवेश करेंगे, जिसे रोग और शत्रु का भाव कहा जाता है। यह अवधि आपके लिए अनुकूल साबित हो सकती है। कार्यक्षेत्र में आपके विरोधी शांत रहेंगे।
  • शुभ फल: सरकारी क्षेत्र से जुड़े मामलों में सफलता मिलेगी। पुराने रोगों से मुक्ति मिल सकती है। नौकरीपेशा लोगों को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे।
  • कर्क: सूर्य का गोचर आपके पांचवें भाव में होगा, जो प्रेम, शिक्षा और संतान का भाव है। विद्यार्थियों के लिए यह समय अच्छा है, लेकिन लव लाइफ में अहंकार के कारण थोड़ी समस्या आ सकती है।
  • शुभ फल: छात्रों के लिए उत्तम समय। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
  • सिंह: सूर्य आपकी राशि से चौथे भाव में प्रवेश करेंगे, जो माता, सुख और वाहन का भाव है। घरेलू मोर्चे पर थोड़ी बेचैनी हो सकती है। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
  • शुभ फल: प्रॉपर्टी या वाहन खरीदने के योग बन सकते हैं। करियर में बदलाव की योजना सफल हो सकती है।
  • कन्या: सूर्य आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो साहस, पराक्रम और छोटे भाई-बहनों का भाव है। यह गोचर आपको अत्यंत साहसी और ऊजार्वान बनाएगा।
  • शुभ फल: सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। करियर में नए अवसर प्राप्त होंगे। छोटे भाई-बहनों का सहयोग मिलेगा।
  • तुला: सूर्य आपकी राशि से निकलकर दूसरे भाव (धन और वाणी) में जाएंगे। आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, लेकिन आपकी वाणी में कठोरता आ सकती है, जिससे रिश्तों में खटास आ सकती है।
  • शुभ फल: अचानक धन लाभ के योग बनेंगे। रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है।
  • वृश्चिक: सूर्य आपकी ही राशि यानि पहले भाव (लग्न) में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके व्यक्तित्व पर सीधा प्रभाव डालेगी। आपके आत्मविश्वास में जबरदस्त वृद्धि होगी, लेकिन यह अहंकार में न बदल जाए, इसका ध्यान रखें।
  • शुभ फल: कार्यक्षेत्र में आपकी नेतृत्व क्षमता बढ़ेगी। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा।
  • धनु: सूर्य आपके बारहवें भाव (व्यय और हानि) में प्रवेश करेंगे। इस समय आपको बेवजह के खर्चों का सामना करना पड़ सकता है। विदेश से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है।
  • शुभ फल: विदेश यात्रा या विदेशी क्लाइंट्स से लाभ हो सकता है। आध्यात्मिक विषयों में मन लगेगा।
  • मकर: सूर्य आपके ग्यारहवें भाव (आय और लाभ) में गोचर करेंगे। यह अवधि आपके लिए अत्यंत शुभ फलदायी रहेगी। आय के नए स्रोत बनेंगे और आपको वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग मिलेगा।
  • शुभ फल: वेतन वृद्धि या प्रमोशन के योग हैं। सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी और बड़े भाई-बहनों से लाभ मिलेगा।
  • कुंभ: सूर्य आपके दसवें भाव (कर्म और करियर) में प्रवेश करेंगे। करियर के लिए यह गोचर सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यक्षेत्र में आपको बड़ी सफलता और सम्मान मिल सकता है।
  • शुभ फल: पदोन्नति, नई नौकरी या कार्यस्थल पर उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। आपका नाम और यश बढ़ेगा।
  • मीन: सूर्य आपके नौवें भाव (भाग्य और धर्म) में गोचर करेंगे। भाग्य आपका साथ देगा। धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राएं हो सकती हैं। पिता और गुरुजनों से सहयोग प्राप्त होगा।
  • शुभ फल: धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने की इच्छा पूरी हो सकती है।

वृश्चिक संक्रांति पर करें ये विशेष उपाय

सूर्य को अर्घ्य: सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल भरकर, उसमें लाल फूल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर ह्यॐ घृणि सूर्याय नम:ह्ण मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

दान: इस दिन गुड़, गेहूं, लाल कपड़े या तांबे के बर्तन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

आदित्य हृदय स्तोत्र: नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना वृश्चिक संक्रांति के दौरान सूर्य के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।

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