आज के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है
Laxmi Puja Samagri Importance, (आज समाज), नई दिल्ली: दीवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश को समर्पित है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही कुबेर देव की भक्ति और साधना की जाती है। पूजा प्रदोष काल में की जाती है। वहीं, पूजा के अंत में आरती की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दीवाली के दिन पूजा में प्रयोग होने वाली चीजों का खास महत्व है और ये विशेष संदेश देते हैं? आइए, पूजा सामग्री के संदेश और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

शाम को 05 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा प्रदोष काल

वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 20 अक्टूबर को दीवाली है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर धूमधाम से मनाया जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश जी की पूजा की जाती है। सोमवार 20 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है। इस दौरान लक्ष्मी गणेश जी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी।

लक्ष्मी पूजन सामग्री

  • सिंदूर: यह स्त्री शक्ति का प्रतीक है। इससे दांपत्य जीवन की जानकारी मिलती है।
  • दीपक: दीपक अंधकार को दूर करने का संदेश देता है। इससे जीवन में व्याप्त अंधकार दूर होता है।
  • धूप: इससे वातावरण में सुगंध फैलता है। साथ ही मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
  • आसन: स्थिरता का प्रतीक है। इस पर बैठकर व्यक्ति को आंतरिक शांति प्राप्त होती है।
  • गंगाजल: पवित्रता का प्रतीक है। इससे तन और मन दोनों निर्मल होता है।
  • अक्षत (चावल): अखंडता का प्रतीक होता है। इससे जीवन में समृद्धि और शांति आती है।
  • हल्दी: यह सौभाग्य में वृद्धि का प्रतीक है। भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को हल्दी प्रिय है।
  • पुष्प: फूल यानी पुष्प भक्ति का प्रतीक है। इससे समर्पण का भाव आता है।
  • पान-सुपारी: दोनों पूर्णता का प्रतीक माना जाता है। इससे लक्ष्मी गणेश जी का आदर और संस्कार किया जाता है।
  • फल: परिश्रम का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि जीवन में परिश्रमशील रहना चाहिए।
  • मिठाई: दान का प्रतीक है। मां लक्ष्मी को मिष्ठान अर्पित करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
  • अन्न: संपन्नता का प्रतीक है। इससे सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन चक्र की जानकारी मिलती है।
  • धन: यह धर्म का प्रतीक है। धन में संयम और उपयोग करने का संदेश छिपा होता है।
  • नारियल: देवी मां लक्ष्मी को श्रीफल प्रिय है। यह जीवन की उत्पत्ति का प्रतीक है।
  • शंख: शंख के नाद से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं, नकारात्मकता दूर होती है।
  • मौली: कलावा संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। यह डोर साधक को देवी मां लक्ष्मी से जोड़ता है।