हनुमान चालीसा का पाठ करना माना गया है लाभकारी
Hanuman Chalisa Path Time, (आज समाज), नई दिल्ली: हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत लाभकारी माना गया है। इसका पाठ किसी भी वक्त किया जा सकता है। लेकिन पूरे दिन में एक समय ऐसा है जब हनुमान चालीसा का पाठ करने से साधक को कोई फल प्राप्त नहीं होता है। इसी तरह एक वक्त ऐसा होता है जब हनुमान चालीसा के पाठ से आपको उत्तम फल प्राप्त हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि किस समय हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए और इसके पीछे क्या रहस्य है। वहीं, इसके लिए सही समय और विधि क्या है।

हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही समय

ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे उत्तम माना गया है। शास्त्रों की मानें तो इस अवधि के दौरान वातावरण में सबसे शुद्ध ऊर्जा, शांति और शक्ति मौजूद होती है। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त यानी सुबह 4 बजे से लेकर 5 बजकर 30 मिनट तक के बीच में हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे शक्तिशाली और फलदायी माना गया है।

इस समय को ध्यान, मंत्र जाप, पूजा आदि कार्यों के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसा करने से जातक के जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही, भगवान हनुमान की विशेष कृपा भी प्राप्त हो सकती है। अगर आपके लिए ब्रह्म मुहूर्त में ऐसा कर पाना संभव न हो तो शाम को 8 बजे भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि

हनुमान चालीसा के पाठ से नवग्रहों की बाधा से रक्षा होती और मानसिक अशांति दूर होती है। इसका पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए सही विधि से पाठ करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त या शाम के 8 बजे, आप जब भी हनुमान चालीसा का पाठ करें तब एक लाल रंग की बाती और घी का दीपक जरूर जलाएं। घी के दीये के साथ नियमित रूप से 21 दिनों तक ऐसा करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इससे आपको जीवन की कई बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है।

हनुमान चालीसा का पाठ कब नहीं करना चाहिए?

दिन में कभी भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है, लेकिन एक समय ऐसा भी है जब इसका पाठ करने से फल की प्राप्ति न्यून होती है। मान्यता है कि कभी भी दोपहर के समय हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करनी चाहिए क्योंकि पीछे रामायण काल की एक खास वजह छिपी हुई है। कहा जाता है कि हनुमानजी ने विभीषण को वचन दिया था कि वह प्रतिदिन दोपहर के समय उनके पास जाएंगे। ऐसे में बजरंगबली नियमित रूप से दोपहर के समय लंका रहते हैं और विभीषण के अनुरोध पर वहीं रुकते हैं।

यही कारण है कि दिन के समय हनुमान चालीसा का पाठ करने से इसके पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए सुबह और शाम के समय इसका पाठ करना चाहिए उत्तम माना गया है। हनुमानजी सुबह के वक्त प्रभु श्रीराम की सेवा में रहते हैं और शाम 8 बजे के बाद अपने स्थान पर वापस चले जाते हैं।

हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे

नियमित रूप से केवल हनुमान चालीसा के पाठ से जातक को जीवन की कई बाधाओं और समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। रात के समय इसका पाठ करने से जातक को बुरे स्वप्नों से छुटकारा मिल सकता है। ऐसे में बच्चों को शाम को इसे सुनाना भी उत्तम माना गया है।

इससे मानसिक अशांति और अज्ञात भय दूर होता। साथ ही, इससे मानसिक और शारीरिक रोग दूर हो सकते हैं। हनुमान चालीसा के पाठ से बजरंगबली के साथ-साथ प्रभु श्रीराम की भी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है।

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