आज किया जाएगा जितिया व्रत का पारण
Jitiya Vrat Niyam(आज समाज), नई दिल्ली: जितिया व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इसका पारण 15 सितंबर को होगा, जिसमें माताएं 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखती हैं। पारण करना इस व्रत के अनुष्ठान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, तो आइए इस आर्टिकल जितिया व्रत खोलने का समय, विधि जानते हैं। ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके और स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक असर न पड़े। इस दिन माताएं निर्जला उपवास के बाद भगवान जीमूतवाहन शिव और पार्वती की पूजा करती हैं।

जितिया व्रत पारण मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को देर रात 03 बजकर 06 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त होगी। जितिया व्रत का पारण नवमी तिथि को किया जाता है। इसलिए 15 सितंबर को सूर्योदय के बाद व्रती पारण कर सकती हैं।

पारण विधि

  • पूजा करें: पारण से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर भगवान जीमूतवाहन, शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
  • दही और जल का सेवन: सबसे पहले एक चुटकी नमक के साथ दही और जल का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से शरीर को फिर से ऊर्जा मिलती है।
  • भोजन का सेवन: इसके बाद, कुछ अनाज जैसे कि खीरा, चावल, चना दाल, और रोटी का सेवन कर सकते हैं। हालांकि तामसिक भोजन से बचना चाहिए।

मुख्य भोजन

  • नोनी का साग: पारण में नोनी का साग खाने का विशेष महत्व है। नोनी का साग पारण के लिए शुभ माना जाता है और इसे सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
  • खीर: पारण में खीर बनाना एक परंपरा है। खीर को शुभता का प्रतीक माना जाता है और यह व्रत खोलने के लिए बहुत उत्तम मानी जाती है।
  • दही-चूड़ा: दही-चूड़ा भी पारण का एक महत्वपूर्ण पकवान है। कहा जाता है कि इसके सेवन से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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