खुशियों से भर जाएगा घर-आंगन
Shardiya Navratri, (आज समाज), नई दिल्ली: शारदीय नवरात्र की शुरूआत 22 सितंबर दिन सोमवार यानी की आज से हो रही है। शारदीय नवरात्र के पहले दिन घटथापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। इन मुहूर्त में देवी मां दुर्गा की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। देवी मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सुखों का आगमन होता है। मां दुर्गा की उपासना का सर्वोत्तम अनुभव तभी संभव है जब पूजा स्थल और उसकी व्यवस्था सही दिशा में हो।

वास्तु शास्त्र के अनुसार चौकी की सही दिशा का चुनाव न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाता है, बल्कि साधक की मानसिक और आध्यात्मिक स्थिरता को भी मजबूत करता है। आइए जानें कि नवरात्र में मां की चौकी कहां और कैसे स्थापित करनी चाहिए।

चौकी स्थापित करना एक पवित्र परंपरा

शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की चौकी स्थापित करना एक पवित्र और महत्वपूर्ण परंपरा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा स्थल और चौकी की सही दिशा का चुनाव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति भी लाती है।

उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें चौकी

मां की चौकी को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने को सबसे शुभ माना जाता है। यह दिशा ईशान कोण कहलाती है और मानसिक स्थिरता, शारीरिक सुकून और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस दिशा में चौकी लगाने से घर का वातावरण पवित्र रहता है और पूजा का प्रभाव अधिक गहरा होता है। परिवार में प्रेम, सौहार्द और समृद्धि बनी रहती है।

पश्चिम दिशा में रख सकते है चौकी

यदि घर की स्थिति के कारण उत्तर-पूर्व दिशा उपलब्ध नहीं है, तो चौकी को पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है। पूजा के समय साधक का मुख पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। विशेष रूप से पूर्व दिशा की ओर मुख करके उपासना करने से चेतना जागृत होती है और आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

नवरात्र के नौं दिन मां के किस रूप को होते हैं समर्पित

  • 22 सितंबर: मां शैलपुत्री को समर्पित।
  • 23 सितंबर: मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित।
  • 24 सितंबर: मां चंद्रघंटा को समर्पित।
  • 25 सितंबर: मां कूष्मांडा को समर्पित।
  • 26 सितंबर: मां स्कंदमाता को समर्पित।
  • 27 सितंबर: मां कात्यायनी को समर्पित।
  • 28 सितंबर: मां कालरात्रि को समर्पित।
  • 29 सितंबर: मां सिद्धिदात्री को समर्पित।
  • 30 सितंबर: मां महागौरी को समर्पित।