सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा न करें
SIM Swap Fraud (आज समाज) नई दिल्ली: जब आप नया फोन या नया सिम कार्ड लेते हैं और पुराना मोबाइल नंबर उसमें ट्रांसफर कराना चाहते हैं, तो मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करते हैं। इसी प्रक्रिया का दुरुपयोग साइबर अपराधी करते हैं। वे आपके बारे में इतनी जानकारी इकट्ठा कर लेते हैं जैसे मां का नाम, पहला पालतू जानवर, स्कूल का नाम आदि कि वे खुद को आप बताकर आपका नंबर अपने सिम कार्ड पर ट्रांसफर करवा लेते हैं।

हाल ही में ब्रिटेन की प्रमुख कंपनी M&S (Marks & Spencer) पर हुए एक बड़े साइबर हमले में SIM स्वैप फ्रॉड की आशंका जताई जा रही है। अप्रैल में हुए इस हमले के कारण कंपनी को ऑनलाइन ऑर्डर बंद करने पड़े और स्टोर्स में भी कामकाज बाधित हुआ। कंपनी को इस हमले से करीब 300 मिलियन पाउंड का नुकसान हो सकता है।

सिम स्वैप से कैसे होता है बड़ा नुकसान?

अगर अपराधी आपके नंबर को कंट्रोल कर लेते हैं, तो वे आपके नाम से कॉल और SMS कर सकते हैं, आपके बैंक, ईमेल या सोशल मीडिया अकाउंट्स में लॉगिन कर सकते हैं, क्योंकि आपने इन अकाउंट्स में दो-स्तरीय सुरक्षा (2FA) के लिए OTP को मोबाइल नंबर से जोड़ा होता है, और अब वो नंबर अपराधी के पास है।  इस तरह वे आपके सभी डिजिटल जीवन तक पहुंच बना सकते हैं। साल 2024 में SIM स्वैप अटैक में 1,055% की बढ़त देखी गई है। यह फ्रॉड जटिल जरूर है, लेकिन हाई-प्रोफाइल लोगों को टारगेट करने में बहुत कारगर है। ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी भी इसका शिकार हो चुके हैं।
सिम स्वैप फ्रॉड से कैसे बचें?
  • सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा न करें
  • आपकी जन्मतिथि, स्कूल, माता-पिता के नाम जैसी जानकारियां फ्रॉड में मदद कर सकती हैं।
  • OTP के लिए मोबाइल नंबर की जगह ऑथेंटिकेटर एप्स का इस्तेमाल करें
  • जैसे Google Authenticator, Microsoft Authenticator आदि।
  • पासकी (Passkey) का इस्तेमाल करें
  • अपने फोन में फिंगरप्रिंट, फेस लॉक या मजबूत पासकोड का इस्तेमाल करें।
  • अगर नंबर बंद हो जाए या सिग्नल चला जाए, तुरंत अलर्ट हो जाएं
  • यह SIM स्वैप का पहला संकेत हो सकता है।