The Supreme Court sought a response from the Center on the petition of the first transgender judge of Assam, 2 thousand transgenders out of the NRC list: असम की पहली ट्रांसजेंडर जज की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, एनआरसी की सूची से 2 हजार ट्रांसजेंडर बाहर

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नई दिल्ली। असम में एनआरसी को लेकर एक ट्रांसजेंडर जज ने सवाल उठाए है। असम में एनआरसी लिस्ट में से 2000 ट्रांसजेंडरर्स को बाहर किए जाने के संबंध में ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरूआ ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। असम की पहली ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरूआ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत हुई जिसमें जज स्वाति ने दावा किया है कि असम के नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन्स (एनआरसी) की सूची से लगभग 2,000 ट्रांसजेंडरों को बाहर किया गया है। जिसके बाबत उच्च न्यायालय ने केंद्र को नोटिस जारी किया और इस पर जवाब तलब किया है। बता दें कि असम की पहली ट्रांसजेंडर जज स्वाति साल 2012 तक पुरुष थीं। बाद में उन्होंने सर्जरी करवाई और लड़के से लड़की बन गर्इं। नए नाम स्वाति के साथ उन्होंने बीकॉम के बाद लॉ की पढ़ाई की थी और वह असम में पैसों के लेन-देन से जुड़े मामलों की कोर्ट की जज हैं। स्वाति से पहले पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में ट्रांसजेडर को जज बनाए जा चुके हैं। वर्ष 2017 में पश्चिम बंगाल में जॉयता मंडल को सबसे पहले ट्रांसजेंडर जज बनाया गया था।

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